Jijabai Jayanti: मराठा साम्राज्य के शिवाजी महाराज को जन्म देने वाली जननी जीजाबाई की पुण्यतिथि हर साल 17 जून का मनाई जाती है। जीजाबाई को मराठा साम्राज्य की राजमाता तथा ‘‘जीजाऊ‘‘ भी कहा जाता था। क्योंकि इन्होने मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी को जन्म दिया था।
जीजावाई का इतिहासः
जीजाबाई का जन्म 12 जनवरी 1598 को जिजाऊ महल, सिंद खेड़ा राजा क्षेत्र जो वर्तमान में महाराष्ट्र मे हुआ था। इनके पिता का नाम लखुजी माधव और माता का नाम महालसाबाई जाधव था। पति का नाम शाहजी भोंसले था। इनके दो पुत्र शिवाजी महाराज, संभाजी भोंसले थे। जीजाबाई ने अपने पुत्रों को लालन पोषण बडें ही प्यार से किया। उन्होंने शिवाजी को शत्रुओं से बचने के लिए कूटनीति, राजनीति, मनोनीति ,आदि चीजों को ज्ञान दिया। शिवाजी कट्टर हिन्दूत्व थे। इनका देहांत 17 जून 1674 को हो गया।
बताते चले जीजाबाई जाधव परिवार में जन्मी थी। जिनका धर्म हिन्दू था। इनके पिता ने तत्कालीन हिन्दू रीति- रीवाज के अनुसार संभवतया उनकी शादी बहुत छोटी उम्र शाहजी भोंसले के साथ कर दी गई थी। शादी के समय जीजाबाई की उम्र 6 वर्ष की थी। शादी के बाद से उनका उपनाम जाधव न रहकर भोंसले बन गया।
शिवनेरी दुर्ग मे हुआ शिवा जी का जन्म
शाहजी ने अपने बच्चों और अपनी पत्नी जीजाबाई की रक्षा के लिए उन्हे शिवनेरी दुर्ग में रखा गया। क्योंकि उस समय शाहजी के अनेक शत्रुओं का भय बना था। जीजाबाई ने शिवनेरी दुर्ग शिवजी को जन्म दिया। बताया जाता है कि शिवा जी के जन्म के समय शाहजी अपनी पत्नी जीजाबाई के पास नही थे। शिवाजी के जन्म के बाद मुगल शासक मुस्तफाखाॅ ने शाहजी को बंदी बना लिया था। उसके 12 वर्ष बाद शिवाजी की अपने पिता शाहजी से भेंट हुई। और इसी बींच शाहजी और जीजाबाई दुबारा मिली।
पति की मौत पर सती होने की कोशिशः
शाहजी हमेशा से अपने कार्यो के लिए जीजाबाई की मद्द करते थे। जीजाबाई के बड़े पुत्र संभाजी थे। कहा जाता है कि शाहजी और संभाजी अफजलखान के साथ हुए युद्व में मारे गये थे। जिससे आहत होकर जीजाबाई ने अपने पति के साथ सती होने की कोशिस की थी। तब शिवाजी ने उन्हे ऐसा करने से रोक दिया था। शिवाजी अपनी माता को अपना मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत मानते थे।
राजनेताओं ने किया ट्वीट
जीजाबाई की पुण्यतिथि पर तमान बड़ी व छोटी राजनीतिक पाट्रियों के नेताओं ने अपने ट्वीटर हैंड़िल पर ट्वीट किया। बीजेपी के पूर्व विधायक अशोक पींचा ने अपने एकाउन्ट पर लिखा कि ‘‘ शिवाजी के महराज के बाल हृदय में स्वाधीनता की लो प्रज्जवलित करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जननी राजमाता जीजाबाई की पुण्यतिथि पर उन्हे विनम्र श्रंदाजलि‘‘।
आकाश वाणी ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘‘ राजमाता जीजाबाई‘‘ ने अपने पुत्र शिवाजी के चरित्र, महत्वकांक्षाओं तथा आदर्शाे के निर्माण में सबसे अधिक योगदान दिया। शिवाजी के जीवन की दिशा निर्धारित करने में उनका सबसे अधिक प्रभाव था। पुण्यतिथि पर कोटि- कोटि नमन।