Krishna Janmashtami : भारत में कृष्ण जन्माष्टमी कि तैयारीया सारे लोग करना शुरु कर दिये है। वहीं कृष्ण जन्माष्टमी भारत का एक प्रसिद्ध पर्व है । जिसे हिन्दू धर्म के लोग इस पर्व को बहुत धूम-धाम से मनाते है। साथ ही विदेश में रहने वाले हिन्दू धर्म के लोग भी इस पर्व को बहुत धूम धाम से बनाते है। बता दे कि कृष्ण जन्माष्टमी इसलिए मनायी जाती है। क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को भारत में जश्न के रूप में मनाया जाता है। वहीं कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को द्वापर युग में भगवान विष्णु जी ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। इसलिए इस दिन को हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाई जाती है।
जन्माष्टमी का उदेश्य
कृष्ण जन्माष्टमी के पिछे बहुत से रहस्य है।वहीं हिंदू धर्म में मान्यता है कि भाई कंस के अत्याचार को कारागार में सह रही बहन देवकी ने भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अपनी आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण को जन्म दिया था। वहीं मान्यता यह है कि कृष्ण जी ने अवतार लेकर इसलिए पृथ्वी पर आये थे कि वह अपने कंश मामा को मार के बुराई पर सच्चाई कि जीत दिला सके। वहीं कृष्ण जन्माष्टमी को सबसे ज्यादा मथुरा ,वृन्दावन में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। बता दे कि इस पर्व को हिंदू धर्म में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। साथ ही इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और देर रात तक भजन-कीर्तन करते हैं।
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नटखट अंदाज
कृष्ण जी के नटखट अंदाज से तो सभी वृन्दावासी परेशान थे लेकिन प्रेम भी उतना ही करते थे।वहीं यशोदा ने अपने लल्ला कान्हा को बड़े ही लाड़ प्यार से पाली थी। बता दें कि भगवान श्री कृष्ण बचपन में ही नटखट होने के कारण यशोदा मैया और नंद लाला भी उनके इस अंदाज से परेशान थे। क्योंकि गांव वालो की इतनी शिकायत रहती थी। क्योंकि कृष्ण जी अपने मित्रों के साथ मिलकर गांव वालों का माखन चुरा कर खा जाते व कृष्ण जी को इन्ही वजहो से अपनी मैया से डांट भी खानी पड़ जाती थी।
अनोखी लीलाएं
भगवान श्री कृष्ण की जहां राधा जी के साथ एक खास रिश्ता था। वहीं गांव की गोपियों से भी उनकी खूब बनती थी। बता दें कि कृष्ण की बंसी की धुन राधा जी को बहुत पंसद थी। वहीं पूरे गांव में राधा-कृष्ण की रासलीलाएं खूब चर्चित थीं। बता दे कि कान्हा और राधा किसी भी त्योहर पर खूब नाचते-गाते दिखाई देते थे।बता दे कि गांव की गोपियां भी श्री कृष्ण की बांसुरी की खूब दीवानी थी। इसके अलावा श्री कृष्ण का आकर्षित चेहरा एकदम से गोपियों को अपनी ओर आकर्षित करता था। जो कि पूरे गांव में खूब प्रचलित थी।