लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम
लखनऊ। हापुड़ में हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को कैसरबाग सिविल कोर्ट चौराहे से सीएम आवास की ओर जा रहे वकीलों को पुलिस ने बैरिकेटिंग कर स्वास्थ्य भवन चौराहे पर ही रोक लिया। पुलिस ने पहले से ही बैरिकेटिंग करके उन्हें रोकने की व्यवस्था कर रखी थी। इस दौरान वकीलों ने हापुड़ प्रकरण को लेकर कार्रवाई की मांग करते हुए सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान पुलिस और वकीलों में जमकर नोकझोंक हुई। वहीं वकीलों को रोकने के लिए सिविल कोर्ट चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। साथ ही पीएसी समेत कई थानों की फोर्स भी लगा दी गई। अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। 5 व 6 सितंबर को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
यूपी बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण दीवानी न्यायालय समेत अन्य अदालतों में सन्नाटा छाया रहा। मुकदमों की पैरवी में आएं वादकारियों को मायूस होकर लौटना पड़ा।
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अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
लखनऊ बार एसोसिएशन एवं सेंट्रल बार एसोसिएशन ने संयुक्त आमसभा कर हापुड़ में हुई घटना की निंदा की तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। बार एसोसिएशन की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में हापुड़ के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के तबादले तथा लाठीचार्ज में शामिल पुलिस कर्मयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई हैं। अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई हैं।
बार एसोसिएशन की ओर से दिए गए प्रत्यावेदन में एडवोकेट प्रोडक्शन एक्ट लागू करने तथा हापुड़ के वाचल वकीलों को मुआवजा देने की मांग दोहराई गई हैं। बार एसोसिएशन के पदाधिकारी ने बताया कि 5 सितंबर को अधिवक्ता मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक का पुतला दहन करेंगे।
तीन घंटे प्रदर्शन से लगा रहा लम्बा जाम
कैसरबाग में वकीलों के प्रदर्शन से आम वाहन सवार गर्मी में बेहाल रहे। दोपहर बारह बजे शुरू हुआ प्रदर्शन तीन बजे तक चलता रहा। इस दौरान हर रास्ता बंद होने से वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। कोर्ट-कचहरी, अस्पताल, बस अड्डा, बाजार जाने निकले दूरदराज के लोग इधर उधर सड़क पर भटकते रहे।
कैसरबाग चौराहे तक जाम ही जाम दिखा
प्रदर्शन के दौरान पुराना हाईकोर्ट से लेकर स्वास्थ्य भवन चौराहा, कैसरबाग चौराहा, बलरामपुर अस्पताल चौराहे से गुजरने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए। हर रास्ते पर पुलिस बल और दंगा नियंत्रण वाहन खड़े रहे। इससे बेबस लोग लौट गए। कैसरबाग से लेकर शहीद स्मारक पार्क तक और परिवर्तन चौक से कैसरबाग चौराहे तक जाम ही जाम दिखा। वाहन सवारों को ट्रैफिक कर्मी दूसरे रास्ते जाने के निर्देश देते रहे। लिहाजा कैसरबाग इलाके के चारों ओर करीब पांच किलोमीटर के दायरे में भीषण जाम की स्थिति रही। हर रास्ते पर बाइक, कार, ऑटो, ई रिक्शा, एंबुलेंस फंसे रहे।
रोडवेज बसों के पहिये थमे
वकीलों के प्रदर्शन के आगे रोडवेज बसों के पहिये थम गए। कैसरबाग से रवाना होने वाली और आने वाली बसें तीन घंटे तक प्रभावित रहीं। आलम यह रहा कि गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या से कैसरबाग आने वाली बसों को कमता चौराहे के अवध बस स्टेशन पर रोक दिया गया। इससे यात्री नाराज हो गए। कैंसरबाग नहीं जाने पर कंडक्टर से किराया वापस मांगने लगे। यात्रियों को किराया तो वापस नहीं हुआ, बदले में कैसरबाग तक आने में किराया अलग से खर्च करना पड़ा।
यात्री पैदल ही कैसरबाग की ओर हुए रवाना
कैसरबाग से सबसे ज्यादा बसों का आवागमन बाराबंकी और सीतापुर के बीच होता है। इन दो जगहों के अधिकतर यात्री हॉस्पिटल और कोर्ट के अलावा अमीनाबाद बाजार आते हैं। बाराबंकी की बसें कमता और सीतापुर की बसें डालीगंज में रोकने से यात्रियों को समझ नहीं आ रहा था कि अब किस रास्ते कैसरबाग तक पहुंचा जाए। ई रिक्शा, ऑटो-टेंपो वाले कैसरबाग जाने से इनकार करते रहे। ऐसे में यात्री पैदल ही कैसरबाग की ओर से रवाना हुए।
चौराहे पर भी भीषण जाम
बर्लिंग्टन चौराहे पर भी भीषण जाम लगा रहा। दिनभर एक बार सिग्नल ग्रीन होने पर पूरे वाहन नहीं निकल पाए। बापू भवन से चारबाग की ओर जाने वाली रोड पर ओसीआर बिल्डिंग के पास रोड रोलर और अन्य वाहन खड़े होने से सड़क संकरी हो गई थी। इससे भी सिग्नल रेड होने पर पीछे पेट्रोल पंप तक वाहनों की कतार लग जा रही थी। इसका दबाव चारबाग से विधानसभा की ओर जाने वाली रोड पर भी दिखा। इस लेन में भी ट्रैफिक एक बार में नहीं निकल पाया।