Sitapur: सीतापुर की एसडीएम कोर्ट में अधिवक्ताओं के बिना ही वादकारों की सुनवाई कर रहीं एसडीएम की वकीलों से तीखी नोक-झोंक हो गई.इस दौरान कोर्ट परिसर में काफी शोर-शराबा देखकर एसडीएम ने पुलिस को सूचना दी.इस दौरान मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने किसी तरह हंगामे को शांत कराया जिसके बाद नाराज अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन सभागार में बार के अध्यक्ष अखिलेश कुमार वर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक की.बैठक में वकीलों द्वारा एसडीएम न्यायालय के कार्य का पूरी तरह से बहिष्कार करने का ऐलान किया.जिसमें सीआरपीसी 107 और 151 की कार्यवाही भी शामिल है।
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SDM शिखा शुक्ला पर भ्रष्टाचार का आरोप
आपको बता दें कि,4 मई को सीतापुर में महमूदाबाद तहसील स्थित बार एसोसिएशन में वकीलों की ओर से एक बैठक की गई थी.जिसके बाद अधिवक्ताओं ने एसडीएम न्यायालय का कार्य बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित करते हुए एसडीएम शिखा शुक्ल पर भ्रष्टाचार करने व तानाशाही रवैये जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.इस दौरान वकीलों ने आरोप लगाया कि,एसडीएम शिखा शुक्ला द्वारा न्यायालय में भ्रष्टाचार करते हुए तानाशाही रवैया अपनाते हुए वादों के विधि विरुद्ध निर्णय पारित किए जाते हैं.इन्हीं कारणों से क्षुब्ध होकर लायर्स एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा एसडीएम न्यायालय के कार्यों का अनिश्चितकाल तक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया था।
हंगामा बढ़ते देख SDM ने दी पुलिस को सूचना
अधिवक्ताओं का आरोप है कि,बुधवार दोपहर एसडीएम बिना वकीलों के वादकारों और आपत्तिकर्ताओं की सुनवाई कर रहीं थी.इसी बात को लेकर जब वकीलों द्वारा कोर्ट में इसका विरोध किया गया तो एसडीएम ने अधिवक्ताओं से बदसलूकी की और दुर्यव्यवहार किया.जिसके बाद एसडीएम और वकीलों में तीखी नोक-झोंक शुरू हो गई.हंगामा बढ़ते देख एसडीएम ने पुलिस को सूचना दी.मौके पर पहुंची पुलिस ने कोर्ट और तहसील परिसर को छावनी में तब्दील करते हुए वकीलों को समझाया और किसी तरह मामला शांत कराया…..जिसके बाद नाराज वकीलों ने बार एसोसिएशन सभागार में बैठक कर सीआरपीसी 107, 151 की कार्यवाही के बहिष्कार का ऐलान एसडीएम के स्थानांतरण होने तक किया।
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कोर्ट के बहिष्कार के बाद क्या बोलीं एसडीएम?
एसडीएम ने बताया कि,कोर्ट न चलने के कारण आम जनमानस की परेशानी देखकर जब हमने कोर्ट में वादकारियों को बिना वकीलों के सुन रहीं थीं कि,तभी अधिवक्ताओं का समूह एकत्रित होकर विरोध करने आ गया.इस दौरान न्यायलय का कार्य बाधित हो गया.जिसके बाद कुछ अधिवक्ताओं ने अमर्यादित भाषा का भी प्रयोग किया.दो दिन पहले ही कुछ अधिवक्ताओं ने नायब तहसीलदार दीनानाथ यादव के साथ अभद्रता की थी और मारपीट करने की बात अधिवक्ताओं द्वारा कही गई थी. हमने अधिवक्ताओं से बैठकर बात करने की भी गुजारिश की थी।