बिहार- अनिल शर्मा
Bihar: श्री कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व प्रत्येक हिंदू के लिए एक विशेष दिन होता है. मान्यता है कि इस दिन कृष्ण भगवान को भक्ति भाव से प्रसन्न करने पर संतान, सम्रद्धि एवं अधिक उम्र की प्राप्ति होती हैं। सभी हिंदुओं द्वारा पावन पर्व को भगवान के जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में शहर के मंदिरों में ये पर्व मनाया जा रहा हैं और पूजा अर्चना की जा रही हैं। इधर गोवर्धन मंदिर में भी कृष्ण और राधा जी का पूजा अर्चना किया गया बाहर के कलाकारों के द्वारा रासलीला की गई।
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कृष्ण जन्माष्टमी के जन्मदिन..
बता दे की इस पर्व पर सभी हिंदुओं द्वारा भगवान के जन्मदिन पर उन्हें प्रसन्न करने के लिए उपवास रखा जाता हैं। मंदिरों में सजावट की जाती हैं एवं कई स्थानों पर रासलीला का आयोजन किया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार सृष्टि के पालनकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार प्रभु श्री कृष्ण हैं और कृष्णा जी के जन्मदिन के इस शुभ अवसर पर इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता हैं।
कृष्ण भगवान ने पृथ्वी पर अपना अवतार लिया
भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में मथुरा नगरी में कृष्ण भगवान ने पृथ्वी पर अपना अवतार लिया। उस समय मथुरा के राजा अत्याचारी कंस के प्रहार से प्रजा काफी दुखी थी! इसलिये दिन: दुखियों के रक्षक भगवान श्री कृष्ण स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे तथा उन्होंने कंस का वध किया। कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार कैसे मनाया जाता है। जन्माष्टमी के पर्व पर होने वाली चहल-पहल पूरे भारत में देखी जाती है इसके साथ-साथ विदेशों में रहने वाले भारतीय भी वहां जन्माष्टमी के पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।