भारत एक ऐसा देश है जहां सभी पर्वो को बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। वहीं 19 सितंबर से 28 सिंतबर तक पूरे देश में गणेश चतुर्थी की धूम रहेगा। कहां जाता हैं, कि इस दिन ही शिव जी ने गणेश जी को पुनर्जीवित किया था। इसलिए हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही गणेश चतुर्थी मनाई जाती हैं, और ठीक 10 दिन के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन इसका समाप्त हो जाता हैं। बता दें कि गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों में इस पर्व को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जा रही है।
गणेश चतुर्थी का महत्व…
भगवान गणेश बुद्धि और श्रद्धा – सिद्धि के देवता हैं। वहीं बप्पा जहां भी रहते हैं, वहां हर समय सुख- समृद्धि रहती है। गणेश उत्सव के दौरान इनकी पूजा करने से ये अधिक प्रसन्न होते है। इनकी पूजा करने से लक्ष्मी माता भी खुश होती है। हर साल यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होता है, और ठीक 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन इसका समाप्त होता है।
वहीं गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घर में ढोल नगाडो के साथ बप्पा का स्वागत करते हैं, साथ ही कहां जाता हैं कि इस दिन गणेश जी का उपासना व पूजा करने से बप्पा ज्यादा प्रसन्न होते हैं। हाला कि उनकी उपासना हर दिन करने से वह खुश रहते हैं, लेकिन ऐसा माना जाता हैं गणेश चतुर्थी के समय गणेश भगवान स्वयं पृथ्वी पर आते हैं, अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए इसलिए गणेश चतुर्थी में इनकी अराधना जरूर करनी चाहिए।
गणेश चतुर्थी का एक अलग ही महत्व होता हैं। वहीं भगवान गणेश को दुखहर्ता, शुभकर्ता और विघ्नहर्ता जैसे नामों से जाना जाता है। मान्यता यह भी है कि गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति की स्थापना जिस घर में विधि-विधान के साथ की जाती है उस घर के सारे कष्ट, परेशानियां और विघ्न गणपति अपने साथ ले जाते हैं। ऐसे घर में सब कुछ मंगल ही मंगल होता है। पूरे साल लोग इस पर्व का इंतजार करते हैं और धूमधाम से इसे मनाते हैं। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव को बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है।
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कब हैं शुभ मुहूर्त…
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। ऐसे में ये गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा। 19 सितंबर को गणपति जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 10:50 मिनट से 12:52 मिनट तक है, अतिशुभ मुहूर्त 12:52 मिनट से 02:56 मिनट तक है।
विराजमान करने की सही विधि…
गणेश चतुर्थी के दिन जब भगवान गणेश कि स्थापना कि जाती हैं, तो विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। बता दें कि जब भगवान गणेश को घर लाया जाता हैं तो उनकी मूर्ती को लाल कपड़े से ढक कर लाना चाहिए। वहीं ढोल नगाडों के साथ इनका स्वागत करना चाहिए। बता दें कि सही मुहूर्त में गणपति की प्रतिमा को घर लाएं और चौकी पर विराजमान करें। इसके बाद उन्हें सिंदूर, फूलमाला, धूप, दीप, अक्षत, पान, लड्डू, मोदक, दूर्वा आदि अर्पित करें। इसके बाद नियमित रूप से गणेश जी की विधिविधान से पूजा करें। पांचवें, सातवें या 11वें दिन उनका विसर्जन करें।