गणेश उत्सव : हिन्दू धर्म में गणेश भगवान की पूजा का सबसे अधिक महत्व होता हैं। आपको बताते चले कि भारत एक ऐसा देश है जहा पर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती हैं। वहीं गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक गणेश भगवान की पूजा बहुत विधि- विधान के साथ किया जाता है। इसके साथ अनंत चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाता हैं। तो चलिए जानते हैं गणेश विसर्जन का शुभ दिन और क्या है पूजा करने की सही विधि।
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विसर्जन का शुभ मुहूर्त
आपको बता दें भारत में हर साल गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश जी को घर लाया जाता है, और अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन होता है। ऐसे में हिन्दू पंचाग के अनुसार 28 सितंबर 2023 दिन गुरूवार को सुबह 06:11 से लेकर सुबह के 07:40 तक और शाम में 04:41 मिनट से लेकर रात्रि के 09:10 गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा हैं। आप इस समय पर बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं।
लोगों के आंखो झलक उठा है पानी
गणेश चतुर्थी का पर्व सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, बैंगलुरू, कर्नाटका इत्यादि जगहो पर बहुत धूम- धाम से मनाया जाता हैं। साथ ही पूरे जगहों पर इस समय पर कुछ अगल ही रौनक देखने को मिलती हैं। मगर लोग जितना गणेश चतुर्थी के पर्व में खुश नजर आते है। उतने ही लोग विसर्जन के समय दुखी नजर आते है। बताते चले कि यह पर्व लोगो के अहसासो से जुड़ा हुआ है। अकसर बप्पा का विसर्जन करते हुए उनके आंखो से पानी झलक उठता हैं।
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विसर्जन की सही विधि
गणेश चतुर्थी में भगवान का विसर्जन बहुत ही विधि- विधान के साथ किया जाता हैं। वहीं आपको बता दें कि विसर्जन के समय बप्पा कि पूजा कर उन्हें लाल चंदन, दूर्वा, मोदक, लाल फूल, पान, सुपारी और धूप-दीप आदि अर्पित किया जाता है। इसके बाद पूरे परिवार के साथ बप्पा की आरती करनी चाहिए।आरती के बाद हवन करना चाहिए। आपको बता दें कि गणेश जी के विसर्जन में हवन का बहुत ही विशेष महत्व होता है। अंत में बप्पा से अपनी सारी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और धूम-धाम से बप्पा का विसर्जन करें।