हिंदू धर्म में हर तिथि और पर्व का अपना अलग महत्व है। वही हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। इस पूर्णिमा को लोग व्रत भी करते हैं और इस दिन स्नान का विशेष महत्व माना गया है।
Kartik Purnima: सनातन धर्म में हर महीने पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व होता है, लेकिन कार्तिक मास की पूर्णिमा विशेष मानी जाती है। इस दिन लोग गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं। यह सनातन धर्म में एक पवित्र अनुष्ठान माना गया है। कई सारे लोग तो कार्तिक महीने में पूरे माह सूर्योदय कल में ही जो अरुणोदय कल होता है, उस वक्त ही स्नान आदि करते हैं। वही हिंदू धर्म में गंगा को शास्त्रों में बहुत ही पवित्र और पुण्यकारी कहा गया है। कहते हैं कि गंगा में स्नान मात्र करने से सारे पाप धुल जाते हैं।
भक्तों ने गंगा में लगाई पवित्र डुबकी…
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार में सोमवार सुबह भक्तों ने गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई। यहां गंगा के घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने पहुंचे।
क्या है मान्यता?
कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इसकी गाथा पौराणिक ग्रंथों में भी है। पटना के राम जानकी मंदिर के पुजारी रामसुंदर शरण ने बताया कि शिव पुराण के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने आज के दिन त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इससे आकाश और पाताल के लोग काफी खुश हुए थे। इस खुशी में सभी देवी देवता धरती पर विराजमान हुए थे। खुशी में गंगा स्नान किया था। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सभी देवी-देवता गंगा में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं और धरती पर विराजमान रहते हैं।
Read more: Diabetes में रखे अपने खानपान का ख्याल, इस तरह के डाइट को करें फॉलो…
पूजाविधि…
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करें। गंगा स्नान संभव नहीं है तो घर में ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद मंदिर में दीपक जलाएं। भगवान विष्णु एवं माँ लक्ष्मी का स्मरण करें। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। भगवान विष्णु को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि अर्पित करें और भगवान विष्णु को भोग लगाएं। ध्यान रखें कि भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल अवश्य डालें। इस दिन भगवान शिव की आराधना भी करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
यह है स्नान का शुभ मुहूर्त…
कार्तिक स्नान का शुभ मुहूर्त जो है वह 27 नवंबर को होगा। जिसमें गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। सभी देवी देवता का उद्यापन का मुहूर्त भी इसी दिन होता है। संतान की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए स्नान दान का विशेष महत्व माना गया है। इस कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान का जो शुभ मुहूर्त है। वह प्रातः कालीन सूर्योदय काल के 3 घंटे बाद 10:00 बजे के बाद 27 नवंबर को उत्तम मुहूर्त है।