सीताफल जितना फायदेमंद होता है उससे कहीं ज्यादा उसकी पत्तियां फायदेमंद होती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए जरूरी हैं। बता दे कि आयुर्वेद में सीताफल की पत्तियों को बड़े काम की चीज बताया गया है, और इससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
Health: सीताफल, जिसे अंग्रेजी में “Custard Apple” कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप का प्रसिद्ध फल है. इसे खाने के अलावा, इसकी पत्तियों को भी आयुर्वेदिक उपचार में सदियों से प्रयोग किया जा रहा है। इन पत्तियों में भी विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी, आयरन और कैल्शियम पाए जाते हैं। साथ ही इसमें एंटी इंफ्लेमेट्री और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं।
डायबिटीज में राहत…
सीताफल की पत्तियों में मौजूद फाइबर खून में ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट इंसुलिन की एक्टिविटी बढ़ाते हैं । जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
डायरिया में राहत…
डायरिया की समस्या में सीताफल के पत्ते बहुत लाभदायक हो सकते हैं। सीताफल के पत्तों में टैनिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो पेट की समस्याओं में लाभदायक होता है। यह पेट को शांत करता है और डायरिया को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, और डायरिया को रोकने में मदद करता है। सीताफल के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो आंतों में संक्रमण को रोकते हैं और डायरिया की समस्या को कम करते हैं। इसके पत्तों का जूस पीने से शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलती है जो डायरिया में महत्वपूर्ण होता है।
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हार्ट डिजीज…
सीताफल के पत्तों में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है, जो दिल की मसल्स को कम करता है। इसके सेवन से हार्ट अटैक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है और टॉक्सिन बाहर निकलता है। सीताफल के पत्तियों के सेवन से शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है। जिससे कई बीमारियों से शरीर की रक्षा होती है।
त्वचा के संबंध में…
सीताफल के पत्तों का पारंपरिक रूप से त्वचा की स्थिति जैसे जूं, एक्जिमा और सोरायसिस के इलाज के लिए उपयोग किया जाता रहा है। पत्तियों में ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें कीटनाशक और एंटीपैरासिटिक गुण होते हैं, जो मदद कर सकते हैं।