Kailash Gahlot: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly elections) से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में भाजपा जॉइन की. इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) और अन्य भाजपा नेता उपस्थित रहे. कैलाश गहलोत ने रविवार को आप की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी थी, जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा. उनके भाजपा जॉइन करने पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, “वह फ्री हैं, जहां मर्जी जाएं.”
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वीरेंद्र सचदेवा ने कैलाश गहलोत का भाजपा में किया स्वागत
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) के इस्तीफा देने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में सियासी बयानबाजी का दौरा शुरु हो गया था. वहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने कैलाश गहलोत का भाजपा में स्वागत किया और उन्हें पार्टी का पट्टा पहनाया. उन्होंने कहा कि कैलाश गहलोत अपने काम के लिए प्रसिद्ध हैं और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है. भाजपा में शामिल होने से कैलाश गहलोत ने पार्टी को मजबूती दी है और दिल्ली की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री बैजयंत पांडा की टिप्पणी
आपको बता दे कि, केंद्रीय मंत्री बैजयंत पांडा ने कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) के भाजपा में शामिल होने को दिल्ली राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव बताया है. उन्होंने कहा कि यह कदम आम आदमी पार्टी के आत्मविश्वास को तोड़ने वाला है. बैजयंत पांडा ने इसे दिल्ली के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक अहम टर्निंग पॉइंट करार दिया. कैलाश गहलोत के भाजपा में शामिल होने से दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में नए समीकरण बन सकते हैं.
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कैलाश गहलोत का राजनीतिक करियर
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) ने 2013 से आम आदमी पार्टी के साथ जुड़कर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. 2015 में नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर वे पहली बार विधायक बने और अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया. कैलाश गहलोत को परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी, साथ ही प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, गृह, महिला और बाल विकास मंत्रालय भी उनके पास था.
कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) का इस्तीफा उनके द्वारा उठाए गए कई मुद्दों के कारण था. उन्होंने अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री आवास को ‘शीशमहल’ कहकर उस पर सवाल उठाए. कैलाश गहलोत ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास की साज-सज्जा पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, जबकि दिल्ली के विकास के लिए इन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं किया गया. उन्होंने केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के कामकाज पर भी संदेह व्यक्त किया, यह आरोप लगाते हुए कि इस तरह के रवैये से दिल्ली का विकास संभव नहीं हो पाएगा.
आम आदमी पार्टी को कैलाश गहलोत के इस्तीफे से झटका
कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) के इस्तीफे ने आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया है, क्योंकि गहलोत को अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता था और उनकी पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका थी. कैलाश गहलोत के पार्टी छोड़ने से आप को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा नुकसान हो सकता है. उनके इस्तीफे ने दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण स्थापित किए हैं, और यह देखा जाएगा कि भाजपा में शामिल होने के बाद गहलोत दिल्ली की राजनीति में क्या बदलाव लाते हैं.
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