Jharkhand: झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। 81 सीटों वाले इस विधानसभा चुनाव में गठबंधन ने 56 सीटें जीतकर राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत किया, जबकि भाजपा को केवल 24 सीटों पर सिमटना पड़ा। इस बड़ी जीत के साथ ही झारखंड में भाजपा के विजय रथ को रोक दिया गया।
हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया
चुनावी नतीजों के बाद मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन ने नई सरकार के गठन की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को हेमंत सोरेन ने झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते हुए इंडिया गठबंधन के सभी विधायकों का समर्थन पत्र भी सौंपा। उनके साथ कांग्रेस और आरजेडी के नेता भी मौजूद थे। सोरेन ने कहा, “हमने राज्यपाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है।”
28 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह
इंडिया गठबंधन की बैठक में हेमंत सोरेन को सर्वसम्मति से सदन का नेता चुना गया। बैठक में कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय और आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया। सभी दलों ने सोरेन को समर्थन देते हुए कहा कि उनका नेतृत्व राज्य में विकास और स्थिरता लाएगा। हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि 28 नवंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “इंडिया गठबंधन ने झारखंड के लोगों को नई उम्मीद दी है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें।”
भाजपा को बड़ा झटका, कांग्रेस और आरजेडी को मिला फायदा

झारखंड में भाजपा की हार ने उसकी राजनीतिक स्थिति को बड़ा झटका दिया है। इंडिया गठबंधन के बेहतर रणनीतिक तालमेल और जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ ने भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। कांग्रेस और आरजेडी को इस चुनाव में भारी समर्थन मिला, जो गठबंधन की बड़ी जीत में सहायक साबित हुआ। हेमंत सोरेन ने कहा कि यह जीत झारखंड की जनता की है। उन्होंने जनता का धन्यवाद करते हुए कहा, “यह बहुमत हमारी जिम्मेदारी को और बढ़ाता है। हमारी प्राथमिकता झारखंड के विकास और युवाओं के रोजगार पर केंद्रित रहेगी।”
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भाजपा के विजय रथ पर लगा ब्रेक
इस चुनाव ने झारखंड में भाजपा की सत्ता में वापसी के सपने को तोड़ दिया। भाजपा की हार ने साबित कर दिया कि गठबंधन की एकजुटता और सही रणनीति चुनावी गणित को बदल सकती है। झारखंड में भाजपा को सिर्फ 24 सीटों से संतोष करना पड़ा, जो उसके लिए बड़ी राजनीतिक असफलता है। इंडिया गठबंधन की इस ऐतिहासिक जीत ने झारखंड की राजनीति को एक नया मोड़ दिया है। अब सभी की नजरें हेमंत सोरेन की नई सरकार पर टिकी हैं, जो विकास और स्थिरता के वादे के साथ सत्ता संभालने जा रही है।