Jharkhand Elections 2024: झारखंड के चतरा जिले में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा गया है। जिले के दो प्रमुख विधानसभा क्षेत्र – चतरा और सिमरिया – में कुल 11-11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चतरा विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला राजद की रश्मि प्रकाश और लोजपा के जनार्दन पासवान के बीच दिख रहा है। वहीं, सिमरिया विधानसभा में झामुमो के मनोज चंद्रा और भाजपा के उज्ज्वल दास के बीच कड़ा संघर्ष होने की संभावना है। खास बात यह है कि चतरा विधानसभा से पहली बार लोजपा चुनाव लड़ रही है, जहां भाजपा मैदान से अनुपस्थित है क्योंकि एनडीए ने सीट शेयरिंग में इस सीट को लोजपा के खाते में डाल दिया है।
सिमरिया में दो पूर्व विधायकों के पुत्र आमने-सामने
सिमरिया विधानसभा सीट पर भी इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। झामुमो प्रत्याशी मनोज चंद्रा, पूर्व विधायक रामचंद्र राम के बेटे हैं। वे 2009 से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं और इस बार झामुमो के टिकट पर मैदान में हैं। उन्होंने भाकपा, राजद, और आजसू से भी चुनाव लड़ा है। दूसरी ओर, भाजपा ने उज्ज्वल दास को उम्मीदवार बनाया है, जो पूर्व विधायक उपेंद्रनाथ दास के पुत्र हैं। उज्ज्वल ने पहली बार 2008 में उप चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन इस बार भी उनकी दावेदारी पर सभी की निगाहें हैं।
चुनाव में छठी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जनार्दन पासवान
लोजपा ने चतरा से जनार्दन पासवान को उम्मीदवार बनाया है, जो पहले दो बार विधायक रह चुके हैं। जनार्दन पासवान ने 1995 में जनता दल के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे, इसके बाद 2009 में राजद के टिकट से भी जीत हासिल की थी। इस बार वे छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें वे पहले राजद, जनता दल और भाजपा से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार लोजपा ने उन पर भरोसा जताया है।
सत्यानंद भोक्ता की पुत्रवधू रश्मि प्रकाश ने ठोकी ताल
चतरा विधानसभा सीट से पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली राजद की रश्मि प्रकाश मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू हैं। भोक्ता जाति को अनुसूचित जाति (एससी) से अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के कारण मंत्री इस बार चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं। सत्यानंद भोक्ता भी चार बार चतरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बन चुके हैं। उन्होंने भाजपा और राजद दोनों पार्टियों से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की है और मंत्री पद भी संभाला है। इस बार उनकी बहू को मैदान में उतारा गया है, जिन्हें समर्थन देने के लिए इंडिया गठबंधन के घटक दल मैदान में हैं।
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त्रिकोणीय मुकाबले में बदल सकता है चतरा और सिमरिया का चुनाव
हालांकि चतरा और सिमरिया विधानसभा क्षेत्रों में मुख्य मुकाबला दो प्रत्याशियों के बीच नजर आ रहा है, लेकिन कई अन्य उम्मीदवार भी इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों सीटों पर चुनावी रंगारंग प्रचार के बीच सभी प्रत्याशी मतदाताओं से जनसंपर्क में जुटे हैं और अपने-अपने वादों के जरिए समर्थन मांग रहे हैं।
चतरा और सिमरिया में लाखों मतदाताओं की किस्मत करेंगे फैसला
चतरा विधानसभा क्षेत्र में चार लाख 27 हजार 209 मतदाता हैं, जिसमें दो लाख 17 हजार 96 पुरुष और दो लाख 10 हजार 111 महिला मतदाता शामिल हैं। इस क्षेत्र में 475 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। वहीं, सिमरिया में तीन लाख 77 हजार मतदाता हैं, जिनमें एक लाख 92 हजार 872 पुरुष और एक लाख 84 हजार 311 महिला मतदाता शामिल हैं। यहां 419 मतदान केंद्र हैं। दोनों सीटों पर चुनाव का पहला चरण 13 नवंबर को संपन्न होगा।
झारखंड में इस बार के चुनाव में चतरा और सिमरिया दोनों विधानसभा क्षेत्रों पर जनता का फैसला बेहद महत्वपूर्ण है। एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के प्रत्याशी अपने-अपने स्तर पर मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं। अब देखना यह होगा कि इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जनता किसे अपना नेता चुनती है और किसके सिर पर जीत का ताज सजाती है।
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