Jharkhand Internet News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने आज स्टेट सर्विस कमीशन (JSSC) की सीजीएल परीक्षा के दौरान एक अनोखा कदम उठाया है। जहां छात्रों को यह उम्मीद थी कि सरकार परीक्षा में धांधली और पेपर लीक (Paper Leak) पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी, तो वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने समाधान की बजाय पूरे राज्य में इंटरनेट (Internet) सेवा को ही बंद कर दिया। हालाँकि देखा जाये तो बीते कुछ महीनों में नीट (NEET) परीक्षा से लेकर यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा आदि के पेपर लीक हुए है। इन्हीं सब मामलों को देखते हुए हेमंत सोरेन ने एक अजीबोगरीब कदम उठाया है जिसे कई लोग सराहा रहें है तो कई इस बात को ट्रोल भी कर रहे है।
परीक्षा की तैयारी में दिखी सीएम की दिलचस्पी
सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने परीक्षा की तैयारियों को लेकर राज्य के अधिकारियों के साथ इस मामले में गहन चर्चा की। उनकीं इस कोशिश से ऐसा लगा कि वे परीक्षा को एकदम पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए गंभीर कदम उठाएंगे। लेकिन, इसके बाद जो कदम उठाया गया, उसने सभी को चौंका कर रख दिया। उन्होंने यह तय किया कि पेपर लीक को रोकने के बजाय इंटरनेट सेवा ही बंद कर देना बेहतर उपाय है। इस दिशा में कदम उठाते हुए इंटरनेट सेवा ही बंद कर दी गयी है।
Read more: Bihar में भूमि विवाद के चलते हुई फायरिंग, झड़प में किशोरी की मौत, आधा दर्जन से अधिक लोग घायल
पेपर लीक से बचाव के लिए किया यह काम
झारखण्ड में JGGLCCE यानी (Jharkhand General Graduate level combined competitive Examination) परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की जा रही है, जो सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक अपने निर्धारित समय पर चलेगी। इस परीक्षा के मात्र लिए 2025 पदों पर 6.39 लाख अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। पेपर लीक और चीटिंग को रोकने के लिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने सभी मोबाइल ऑपरेटिंग कंपनियों को इंटरनेट बंद करने का निर्देश दिया है। इसके तहत शनिवार और रविवार को सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद रहेगी।
अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
इंटरनेट बंद करने के इस निर्णय के बाद मुख्यमंत्री सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह सख्त निर्देश दिए कि यदि कोई भी परीक्षा के दौरान कुछ भी कोई भी गलत करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सवाल उठता है कि क्या पूरे राज्य में इंटरनेट बंद करना समस्या का सही समाधान है?
Read more: Lucknow के रूमी गेट पर तेज रफ्तार SUV ने मचाई तबाही, कई लोगों को रौंदा, भीड़ ने की चालक की पिटाई
आम जनता पर पड़ा प्रभाव
इंटरनेट बंद होने से सिर्फ परीक्षा देने वाले छात्रों पर ही नहीं बल्कि आम जनता पर भी असर पड़ा, उनकी जिंदगी भी प्रभावित हुई। इंटरनेट बंद (Internet shutdown) होने के कारण लोग ऑनलाइन भुगतान नहीं कर सकेंगे, कैब सेवाएं जैसे ओला और ऊबर भी उपलब्ध नहीं रहेंगे, और घर पर रहकर ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स का आनंद भी नहीं ले सकेंगे। यहां तक कि परिवार के सदस्यों से वॉट्सऐप पर चैट भी नहीं कर सकेंगे।
Read more: Manipur में फिर से फैली हिंसा! मणिपुर में घुसे 900 आतंकवादी,खुफिया रिपोर्ट में हुआ खुलासा
सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय
हेमंत सोरेन के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। लोग इस पर मजेदार टिप्पणियां कर रहे हैं। “क्या सीएम अगली बार परीक्षा में पेपर लीक रोकने के लिए बिजली भी बंद कर देंगे?” जैसे मीम्स और पोस्ट्स तेजी से वायरल हो रहे हैं, सिर्फ इतना ही नहीं एग्जाम सेंटर ऐसे जगह में दिया गया है जहां स्टूडेंट्स 150- 200 km दूर से आ रहे हैं। एग्जाम सेंटर खोजने में भी बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स समय से कैसे पहुंच पाएंगे, सभी गूगल मैप (Google Maps) के भरोसे हैं। इस स्थिति के बाद, सरकार को यह सोचने की जरूरत है कि क्या इंटरनेट बंद (Internet shutdown) करना सही है या फिर पेपर लीक (Paper Leak) और चीटिंग पर काबू पाने के लिए बेहतर उपाय ढूंढे जाएं।