Jagannath Rath Yatra 2024: हर साल आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को निकलने वाली जगन्नाथ रथ (Jagannath Rath Yatra) यात्रा इस बार 7 जुलाई 2024 को रविवार के दिन शुरू हुई। खास बात यह है कि इस साल ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार रथ यात्रा दो-दिवसीय आयोजित की जा रही है। इससे पहले, 1971 में दो-दिवसीय रथ यात्रा का आयोजन हुआ था। इस बार, 7 जुलाई के बाद 8 जुलाई की सुबह फिर से रथ को आगे बढ़ाया जाएगा, और सोमवार को रथ गुंडीचा मंदिर पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इस पवित्र रथ यात्रा के शुभारंभ पर अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, “हम महाप्रभु जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद हम पर बना रहे।” पीएम मोदी ने आषाढ़ी बीज के शुभ मौके पर खासतौर पर दुनिया भर में रहने वाले कच्छी समुदाय के लोगों को भी बधाई दी। आषाढ़ी बीज हिंदू कैलेंडर के आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन पड़ता है और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बारिश की शुरुआत से जुड़ा हुआ है।
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चार धामों में से एक जगन्नाथ धाम
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एक भव्य त्योहार है जो पुरी के जगन्नाथ मंदिर में आयोजित होती है। इस रथ यात्रा के दौरान करोड़ों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने और रथयात्रा में शामिल होने के लिए पुरी पहुंचते हैं। रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर निकाली जाती है और इसे भारत ही नहीं, विश्वभर में प्रसिद्धि प्राप्त है। भगवान जगन्नाथ का यह धाम हिन्दू धर्म में अति पवित्र माना जाता है। यह धाम भारत के चार प्रमुख धामों में से एक है, जिसमें रामेश्वरम, जगन्नाथ-पूरी, बद्रीनाथ-केदारनाथ और द्वारका शामिल हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा का शुभारंभ उसी दिन होता है, जिस दिन गुजरात के कच्छी समुदाय के लोग अपना नया साल मनाते हैं।
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रथ यात्रा की परंपरा और महत्व
रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ निकाली जाती है। इन देवताओं को तीन विशाल रथों पर बिठाकर गुंडीचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह यात्रा करीब 3 किलोमीटर की होती है और इस दौरान भक्ति और उल्लास का माहौल रहता है। इस ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान भक्तों का उत्साह देखने लायक होता है। श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए उमड़ पड़ते हैं। इस आयोजन में शामिल होने के लिए पुरी में न केवल देश भर से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं।
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सुरक्षा और व्यवस्था
इस भव्य आयोजन के लिए पुरी प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, एनडीआरएफ, और अन्य सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन व्यवस्थाएं भी पूरी तरह से तैयार हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा का यह विशेष आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भगवान जगन्नाथ की कृपा से यह यात्रा सभी के लिए मंगलमय हो।