बिहार (नालंदा): संवाददाता – वीरेंन्द्र कुमार
NALANDA: नालंदा मैटर्निटी होम व नालंदा आइवीएफ की निदेशक डाक्टर सुनीति सिन्हा ने बताया कि नालंदा आइवीएफ का एक वर्ष पूरा हो चुका है। 35 साल के सेवा काल में सैकड़ों बच्चों ने जन्म लिया है। शादी के बाद एक महिला का सबसे बड़ी खुशी मां बनने पर मिलती है। कहते है कि जो सुख सूनी गोद को भरने में है, वो कहीं और कहां है। बता दे कि कई मरीजों को लंबे समय तक संतान न होने का दंश झेलते हुआ देखा गया था। उसी समय तय कर लिया था कि अब मुझे इनफर्टिलिटी के फील्ड में काम करना है।
महिलाओं का इलाज करके संतान सुख प्राप्ति की जाती है कोशिश
इसके बाद एक साल पहले इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि किफायती दर पर यहां इलाज किया जाता है। हमारा किसी से कोई कॉम्पटीशन नहीं है। मरीज की खुशी से बढ़कर कोई अवार्ड नहीं है। हम सिर्फ पैसे के लिए हॉस्पिटल नहीं चलाते। हमारा उद्देश्य है कि जो महिलाएं किसी कारण वश मां नही बन पाती है। ऐसी स्थिति में उन महिलाओं का इलाज करके संतान सुख की प्राप्ति की कोशिश करते है।
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मैडिकवर फर्टिलिटी में आधुनिक तकनीक से होता है कुशल इलाज
मेरे एक नजदीकी पारिवारिक मित्र ने यूरोप के अग्रणी फर्टिलिटी क्लीनिक के बारे में बताया। मैडिकवर फर्टिलिटी में आधुनिक तकनीक द्वारा कुशल चिकित्सक एवं एम्ब्रयोलोजिस्ट प्रत्येक दंपत्ति को उच्चतम सफलता दर प्रदान करते हैं। मैडिकवर फर्टिलिटी में विश्व भर में प्रत्येक 5 घंटे में एक दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। मैडिकवर फर्टिलिटी को इंडिया में ‘‘बैस्ट क्लीनिक’’ का अवार्ड भी मिला है।
हमने मैडिकवर फर्टिलिटी में अपॉइंटमेंट लेकर विषेशज्ञ से मुलाकात की। उन्होंने हमारी समस्या तथा सवालों को धैयपूर्वक सुना तथा उसका निवारण भी किया। हमारी मेडिकल जानकारी लेने के बाद उन्होंने कुछ आवश्यक जाँच करवाई तथा हमारे लिए अधिकतम सफलता दर वाले इलाज की सलाह दी।