ISRO: भारत की इस समय पूरे दुनियाभर में तारीफ हो रही है। आपको बता दे कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत दुनिया के हर कोने में जाना जा रहा है।यही नही हर तरफ से लोग पीएम मोदी और ISRO की तारीफ के पुल बांध रहे है। ISRO ने हाल ही में अब एक बड़ा ऐलान किया है। जिसकी चर्चा शुरु हो गई है।
दरएसल, चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के बाद अब ISRO सूर्य का अध्ययन करने को तैयार है। ISRO चीफ एस सोमनाथ पहले ही इसको लेकर जानकारी दे चुके हैं। अब उन्होंने ISRO के सूर्य मिशन को लेकर एक बड़ा एलान कर दिया है।
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ISRO ने Aditya L1 mission के बारे में बताया
बता दे कि ISRO ने Aditya L1 mission की लॉन्चिंग की तारीख का एलान करते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे मिशन लॉन्च होगा। इसरो ने बताया कि श्रीहरिकोटा से सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली सैटेलाइट Aditya L1 लॉन्च होगी। इस जानकारी के बाद सभी लोग एक्स पर ISRO को बधाई संदेश भेज रहे है।
जाने क्या है Aditya L1 mission
हर कोई Aditya L1 mission की जानकारी मिलने के बाद काफी खुश है। लेकिन यह Aditya L1 mission है क्या इस बारे में आज हम आपको बताएगें।
आपको बता दे कि यह अल्ट्रावॉयलेट पेलोड का उपयोग करके कोरोना और सौर क्रोमोस्फीयर की और एक्स-रे पेलोड का उपयोग करके फ्लेयर्स की निगरानी करके जानकारी प्रदान कर सकता है। पार्टिकल डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर पेलोड आवेशित कणों और एल-1 के चारों ओर बाहरी कक्षा तक पहुंचने वाले चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
बाहरी कक्षा में स्थापित करने की योजना
अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के तहत एल1 के चारों ओर बाहरी कक्षा में स्थापित करने की योजना है। इसरो ने कहा कि एल1 बिंदु के आसपास बाहरी कक्षा में रखे गए उपग्रह से सूर्य को बिना किसी ग्रहण या प्रच्छादन के लगातार देखने का बड़ा फायदा होता है। इसरो ने कहा कि इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का अधिक लाभ मिलेगा।