भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शनिवार को एक नई उपलब्धि हासिल की है.इसरो की इस उपलब्धि से मौसम विज्ञान अब सटीक जानकारी दे सकेगा.इसरो ने शनिवार को देर शाम देश का सबसे एडवांस मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS श्रीहरिकोटा स्थित सतीश घवन स्पेश सेंटर से लॉन्च किया। सैटेलाइट की सफलतापूर्वक लॉन्च पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
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ISRO ने हासिल की एक और उपलब्धि
करीब 51.7 मीटर लंबे GSLV-F14 रॉकेट से लॉन्च किए गए 2 हजार 274 किलोग्राम वजन वाले उपग्रह के बारे में जानकारी देते हुए इसरो ने बताया कि,ये भारतीय मौसम विज्ञान विभाग सहित पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों को अपनी सेवा प्रदान करेगा.1 जनवरी को PSLV-C58/ एक्सपोसेट मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में इसरो का ये दूसरा मिशन है।
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गृह मंत्री अमित शाह ने ISRO को दी बधाई
मौसम विज्ञान के लिए सटीक जानकारी देने वाले इस सैटेलाइट की सफलता पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि,आज उन्नत मौसम उपग्रह, इनसैट 3DS के सफल प्रक्षेपण पर हमारे इसरो वैज्ञानिकों को बधाई.तीसरी पीढ़ी का उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं से सटीकता से लड़ने में भारत की ताकत को बढ़ाएगा.जो हर आपदा में शून्य हताहत के लक्ष्य को हासिल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू ने भी दी बधाई
केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू ने इसरो की सफलता पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है,इसरो और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को सफल प्रक्षेपण की बधाई.अंतरिक्ष शोध और देश के विकास में ये यादगार उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्रदर्शी नेतृत्व की गूंज है।आपको बता दें कि,इसरो की ओर से जिस सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है,इस सैटेलाइट मिशन की लाइफ 10 साल है.अगले 10 साल तक ये सैटेलाइट मौसम में होने वाले सभी बदलावों के बारे में जानकारी मुहैया कराता रहेगा.वर्किंग मोड में आने के बाद ये तूफान के साथ-साथ जंगली आग,बर्फबारी,धुआं और बदलते पर्यावरण की भी जानकारी देगा.उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी की सतह और समुद्री अवलोकनों के अध्ययन को बढ़ाना है।