Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच बीते एक महीने से युद्ध चल रहा है जिसमें कई लोगों को अब तक अपनी जान गंवानी पड़ी है इसके बावजूद दोनों की ओर से अब तक युद्ध विराम की घोषणा नहीं की गई है.इस बीच इजयारल-हमास के युद्ध का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाया गया जहां दोनों के बीच हो रहे युद्ध को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया.पारित प्रस्ताव के पक्ष में 153 देशों ने वोट किया जिसमें भारत भी शामिल रहा.जबकि इजरायल और अमेरिका समेत 10 देशों ने इसके विरोध में वोट किया और 23 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
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संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हुए इस प्रस्ताव में तत्काल मानवीय युद्धविराम,बंधकों की बिना किसी शर्त रिहाई के साथ-साथ मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने की मांग की गई है.इसके अलावा प्रस्ताव में ये भी मांग की गई कि,निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए यूएन अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें।
रुचिरा कंबोज ने बताया मानवीय संकट
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की ओर से स्थाई प्रतिनिधि रुचिका कंबोज ने कहा कि,7 अक्टूबर को इजरायल में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ जो मानवीय संकट है.इससे बड़े स्तर पर मानव जीवन का नुकसान हो रहा है.रुचिरा कंबोज ने आगे बताया कि,भारत ने महासभा की ओर से हाल ही में अपनाए गए प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है जिसमें 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए आतंकी हमला और बंधक बनाए गए लोगों की चिंता शामिल है. वहां पर बहुत बड़ा मानवीय संकट है और बड़े पैमाने पर नागरिक जीवन को नुकसान हो रहा है खासकर महिलाओं और बच्चों का जीवन. सभी परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक मुद्दा है.लंबे समय से चले आ रहे फिलिस्तीन मसले का एक शांतिपूर्ण और स्थायी दो राज्य समाधान खोजने का प्रयास किया जा रहा है।
इराक,ओमान और कुवैत ने समर्थन में किया वोट
अल्जीरिया,बहरीन,इराक,कुवैत,ओमान,कतर,सऊदी अरब,संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया.संयुक्त राष्ट्र महासभा में रुचिका कंबोज ने कहा कि,भारत वर्तमान समय में क्षेत्र के सामने मौजूद कई चुनौतियों के समाधान के लिए एक साझा आधार खोजने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता का स्वागत करता है.इस असाधारण कठिन समय में हमारी चुनौती सही संतुलन बनाना है।
7 अक्टूबर को हमास की ओर से इजरायल पर किए गए आतंकी हमलों में 33 बच्चों सहति 1200 से अधिक इजरायली मारे गए थे.जिसके बाद इजरायल की ओर से गाजा में किए गए हमले में 18 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं,जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।
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