Indian Railway: रेलवे कर्मचारियों (Railway employees) के लिए एक नई सुविधा शुरू की गई है, जिससे गंभीर बीमारी की स्थिति में उन्हें रेलवे अस्पताल में रेफर करवाने की झंझट से छुटकारा मिलेगा। अब रेलकर्मी इमरजेंसी में रेलवे के पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में सीधे भर्ती हो सकेंगे। इसके लिए उन्हें सिर्फ उम्मीद कार्ड (Umeed Card) दिखाना होगा, और तुरंत इलाज शुरू हो जाएगा। पहले, रेलवे अस्पताल से रेफरल की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब इमरजेंसी की स्थिति में इस प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है।
निजी अस्पताल मरीज को भर्ती करने के बाद 24 घंटे के भीतर रेलवे अस्पताल को ऑनलाइन इमरजेंसी रेफर लेटर भेज देगा। इसके बाद रेलवे अस्पताल की सहमति मिलते ही इलाज बिना किसी शुल्क के जारी रहेगा। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ इमरजेंसी की स्थिति में ही लागू होगी। सामान्य हालात में इलाज के लिए पहले की तरह रेलवे अस्पताल से रेफर की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
एलएनएम रेलवे अस्पताल का निजी अस्पतालों से करार
ललित नारायण मिश्र (एलएनएम) केंद्रीय रेलवे अस्पताल ने 13 निजी अस्पतालों के साथ करार को आगे बढ़ाया है, जिसमें मेदांता, द मेडिसिटी सेक्टर- 38, गुड़गांव भी शामिल है। यह करार 30 सितंबर 2025 तक कैशलेस उपचार के लिए किया गया है। इसके अलावा, लखनऊ, वाराणसी, इज्जतनगर और गोंडा के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जरूरत पड़ने पर इन निजी अस्पतालों में रेफर कर सकते हैं। एलएनएम अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. मो. असगर अली खान ने बताया कि महाप्रबंधक सौम्या माथुर की सहमति के बाद यह निर्देश जारी किए गए हैं।
रेलवे के पैनल में शामिल निजी अस्पतालों की सूची
रेलवे कर्मचारियों के लिए सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से कई बड़े और प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों को इस सूची में शामिल किया गया है। इनमें से प्रमुख अस्पताल इस प्रकार हैं:
- मेदांता, द मेडिसिटी, गुड़गांव
- यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, गाजियाबाद
- सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, फरीदाबाद
- फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर, नई दिल्ली
- नियो हॉस्पिटल, सेक्टर-50, नई दिल्ली
- विजिटेक आई सेंटर, नई दिल्ली
- बत्रा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नई दिल्ली
- न्यू प्रकाश क्लीनिक, गोरखपुर
- श्रीराम जानकी नेत्रालय, गोरखपुर
- श्री साईं नेत्रालय, गोरखपुर
- फातिमा हॉस्पिटल, गोरखपुर
- न्यू उदय हॉस्पिटल, गोरखपुर
- सावित्री हॉस्पिटल, गोरखपुर
बुजुर्गों की मदद के लिए बरेली पुलिस की अनोखी पहल
इधर, बरेली पुलिस ने बुजुर्गों की सुरक्षा और देखभाल के लिए एक सराहनीय पहल शुरू की है। जिले में एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर एसपी सिटी और एसपी नॉर्थ अपने-अपने क्षेत्रों में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सूची तैयार कर रहे हैं। इस सूची के आधार पर पुलिस उन बुजुर्गों की मदद के लिए उनके दरवाजे तक पहुंचेगी। बरेली में कई बुजुर्ग ऐसे हैं, जो अकेले अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। पुलिस इस पहल के तहत उन बुजुर्गों की सुरक्षा और देखरेख सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से आगे आ रही है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जिन बुजुर्गों या बुजुर्ग दंपतियों की कोई देखरेख करने वाला नहीं है, उनके लिए संबंधित बीट आरक्षी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह बीट आरक्षी उन बुजुर्गों से संपर्क करेगा और उनका फोन नंबर लेगा ताकि किसी भी तरह की समस्या होने पर बुजुर्ग तुरंत मदद के लिए पुलिस को सूचित कर सकें। पुलिस अधिकारियों का नंबर भी इन बुजुर्गों को दिया जाएगा, ताकि वे किसी भी समय संपर्क कर सकें।