केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भारत एनसीएपी को लॉन्च करेंगे। भारत अपने देश में कारों का क्रेश टेस्ट और सेफ्टी रेटिंग देने वाला दुनिया का पांचवा देश बन गया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को देश का पहला क्रैश टेस्ट प्रोग्राम दुर्घटना भारत एनसीएपी (Bharat NCAP) लॉन्च किया। इस कार्यक्रम के तहत भारत में बनने और बेची जाने वाली कारों का क्रैश टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी। इसका मकसद 3.5 टन तक की गाड़ियों के रोड सेफ्टी स्टैंडर्ड में सुधार करना है। वही इवेंट के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि Bharat NCAP को ग्लोबल लेवल पर लेकर जाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने इस प्रोग्राम को लॉन्च करते हुए कहा कि ये देश के लिए ऐतिहासिक पहल है कि अब हमारे पास खुद का कार क्रैश टेस्ट प्रोग्राम होगा। भारत सरकार ने कहा कि इस प्रोग्राम का उद्देश्य कार ग्राहकों को बाजार में उपलब्ध मोटर वाहनों की दुर्घटना सेफ्टी के बारे में जानकारी प्रदान करना और तुलनात्मक मूल्यांकन के आधार पर सेफ्टी प्रदान करना है।
ग्लोबल स्टैंडर्ड से कम नहीं…
भारत एनसीएपी किसी भी स्तर पर ग्लोबल एनसीएपी से कम नहीं होगा। इसे भारत की सड़कों, ड्राइविंग पैटर्न और अन्य तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही बनाया गया है। कार बनाने वाली कंपनियों के लिए यह टेस्ट कराना अभी वैकल्पिक है। अधिकतर देशों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हेडऑन एक्सीडेंट के मामले काफी देखे जाते हैं। लेकिन भारत में ट्रैफिक सिस्टम काफी अलग है। यहां लोग लेन ड्राइविंग करने में लापरवाही बरतते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही भारत में किए जाने वाले क्रैश टेस्ट के लिए हेडऑन, साइड से टक्कर और अन्य तरह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह टेस्ट किए जाएंगे।
क्रैश टेस्ट से गुजरने के बाद अब वाहनों पर ऐसा स्टीकर देखने को मिलेगा…
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान Bharat NCAP के नए लोगो और स्टीकर का अनावरण किया। इस दौरान उन्होनें कहा कि, “आज का दिन देश के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के साथ-साथ पूरे समाज के लिए लिए बेहद अहम है। आज हम भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम को आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर रहे हैं।
सड़क दुर्घटना से संबंधित मोतों और चोटों का आंकड़ा होगा कम…
3,500 किलोग्राम तक वजन वाले मोटर वाहनों के वाहन सुरक्षा मानकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा भारत-NCAP से भारतीय कारों को ग्लोबल मार्केट में बेहतर स्थिति में लाने और देश की निर्यात क्षमता में सुधार करने की उम्मीद है। इससे पूरे भारत में सड़क दुर्घटना से संबंधित मौतों और चोटों के आकड़े को कम करने की उम्मीद है। मारुति सुजुकी, महिंद्रा और टोयोटा जैसे कार निर्माता पहले ही इस प्रोग्राम को घरेलू ऑटो उद्योग के लिए सही दिशा में एक साहसिक कदम बता चुके हैं।
ऐसे मिलेगी रेटिंग…
भारत एनसीएपी की शुरुआत होने के बाद वाहन निर्माता अपनी मर्जी से एआईएस 197 के अनुसार टेस्ट के लिए अपने वाहन भेज सकते हैं। टेस्ट के दौरान जिस कार का जैसा प्रदर्शन रहेगा, उसके मुताबिक ही उसे रेटिंग मिलेगी। शून्य से 5 सितारा तक रेटिंग दी जाएगी। भारत एनसीएपी व्यस्क और छोटे बच्चों की सुरक्षा के मुताबिक रेटिंग देगा। बीएनसीएपी कारों के टेस्ट रिजल्ट और सेफ्टी रेटिंग अपेक्स कमेटी की मंजूरी के बाद अपनी वेबसाइट पर दिखाएगा। इस अपेक्स कमेटी को केंद्र सरकार की ओर से गठित किया जाएगा।