उ0प्र0 (लखनऊ): संवाददाता- मो0 कलीम
लखनऊ। अपने कारनामों को लेकर अक्सर सुर्खियों ने रहने वाली यूपी पुलिस का एक और शर्मनाक कारनामा सामने आया है। यह कारनामा है अब लखनऊ के काकोरी इलाके का। जहां पर एक बेकसूर युवक को पुलिस ने पहले पीटा उसके बाद स्मैक तस्कर के आरोप में जेल भेजने की तैयारी भी कर ली। लेकिन उसका दोस्त एक आईपीएस अधिकारी निकला तो पुलिस को पीछे हटना पड़ गया।
विनीत ने जब अपने दोस्त आईपीएस की बात एसीपी काकोरी से कराई तो उसे छोड़ दिया गया और पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया। विनीत का आरोप है की इस दौरान उसे डराया और धमकाया भी गया है।
पुलिस का विरोध करना युवक को पड़ा मंहगा
मामला कुछ यूं है की विनीत सिंह नाम का एक युवक किसी काम के लिए बारा बिरवा चौराहे पर गया हुआ था। इस दौरान वहां पर ओला टैक्सी चालक को कुछ सिपाही पीट रहे थे। विनीत सिंह से यह देख रहा नहीं गया और उन्होंने इसका विरोध कर दिया। फिर क्या था वर्दी के नशे में चूर सिपाहियों ने विनीत सिंह की जमकर पिटाई कर दी। सिपाही का मन इतने से नहीं भरा था उसके विनीत को ई-रिक्शे पर लादकर रेल पटरियों के किनारे ले जाकर वहां पर जमकर लाठियां बरसाईं। इसी दौरान उसका मोबाइल भी तोड़ दिया।
फिर एक साजिश रची, साजिश भी कुछ यूं रही की गांजा और स्मैक की पुड़िया की बरामदगी दिखाकर जेल भेजने की बात कह थाने ले गए और पूरी तैयारी भी शुरू कर दी। इस बीच मौका पाकर विनीत ने मध्य प्रदेश के अपने दोस्त आईपीएस को पूरी घटना बताई। आइपीएस ने तुरंत एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह को फोन किया। तब कहीं जाकर विनीत की जान छूट पाई।
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दोस्त आईपीएस से कराया फोन तब छोड़ा पुलिस ने युवक को
विनीत की मानें तो उसने 2020 में अपने आईएएस में चयनित साथी के साथ ही परीक्षा दी थी। विनीत ने बताया कि जब उसे छोड़ा गया तो इसी दौरान इंस्पेक्टर साहब ने सिपाहियों से कहा कि उन्हें को दिल्ली जाने वाली एसी बस में बैठा दो। और बस वाले से कह देना उनसे किराया नहीं लेना। सिपाहियों ने ठीक उसी तरह विनीत को दिल्ली की एसी बस में बैठा दिया। विनीत कुछ दूर जाकर बस से उतर गए। इसी बीच उन्होंने अपनी बहन को फोन करके बुलाया और अस्पताल पहुंचे।
क्योंकि पुलिस की पिटाई से उनका शरीर टूट रहा था। तबीयत ठीक होने के बाद विनीत एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह के दफ्तर पहुंच गए। वहां पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। शिकायती पत्र के आधार पर इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सरोज से पूरे मामले की रिपोर्ट मांग की गई है। और उसके बाद ही आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।