पीलीभीत संवाददाता- अमित कुमार पाल
खबर जनपद पीलीभीत के ट्रांस क्षेत्र से जहां शारदा नदी किनारे बसे चंदिया हजारा में स्थाई तो छोड़िए अस्थाई कार्य भी शुरू नहीं किए गए हैं। इस क्षेत्र के लोग दशकों से बाढ़-कटान का सामना करते चले आ रहे हैं।
स्थाई कार्य कराने की मांग भी उठा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है, कहना है कि आखिर कब तक शारदा नदी की बाढ़-कटान का दंश झेलते रहेंगे..लोगों ने इस विपदा से निजात दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है।
बाढ़ से हर साल करना होता है लोगों को मुसीबतों का सामना…
पूरनपुर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत चंदिया हजारा शारदा नदी के किनारे है। इस पंचायत में राहुलनगर मजदूर बस्ती, चंदिया हजारा बंगाली कालोनी, खिरकिया बरगदिया, छह नंबर कालोनी आदि गांवों आते हैं। हर साल नदी के कटान और बाढ़ से इन सभी गांवों के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में लोग बेघर हो जाते हैं।
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उनकी कृषि जमीन नदी की भेंट चढ जाती है। हर साल बाढ़ और कटान का दंश झेलना पड़ रहा है। पिछले सालों से अब तक सैकड़ों एकड़ जमीन फसल सहित नदी में समा चुकी है। कई कच्चे और पक्के मकान भी नदी की भेंट चढ़ चुके हैं। वर्ष 2021 में तो नदी ने भारी तबाही मचाई थी। बाढ़ आने से घरों में कई दिन तक चूल्हे नहीं जले। इस साल नदी वन भूमि का कटान कर रही है
एंबुलेंस व्यवस्था मोहिया नहीं हो पाती…
बाढ़ को नियंत्रण रखने के लिए शासन करोड़ों रुपए खर्च करता है उसके बावजूद भी शारदा क्षेत्र में बसे गांव में विकास सिर्फ कागजों में नजर आता है ग्रामीणों का कहना है, की तहसील 35 किलोमीटर दूर होने के कारण बरसात के समय में कितना भी महत्वपूर्ण काम हो लेकिन नहीं जा पाते वहीं यदि कोई बीमार भी हो जाए तो उसके लिए एंबुलेंस व्यवस्था मोहिया नहीं हो पाती क्योंकि आने जाने के लिए ना ही उचित रास्ता है और जिस रास्ते से निकलना भी होता है वहां पानी भर जाता है गांव में भी पानी भर जाने से लोग छतों पर रहकर वाह कम होने का इंतजार करते हैं लेकिन अभी तक इस प्रक्रिया में कोइ सुधार नही हुआ है।