Srilanka News: 2022 में वित्तीय संकट से गुजरने के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे पड़ोसी देश श्रीलंका में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव हुआ जिसमें नेशनल पीपुल्स पावर के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके शुरुआती मतों के आधार पर आगे चल रहे हैं डाक मतदन परिणों के आधार पर उनकी बढ़त बनी हुई है। श्रीलंका में ऐसे समय में राष्ट्रपति चुनाव हो रहा है जब भारत का एक पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश सियासी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है बांग्लादेश में शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से हटाए जाने से दोनों देशों के संबंधों पर खासा असर पड़ा है।
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श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव भारत के लिए महत्वपूर्ण
श्रीलंका भारत के साथ प्रमुख विकास भागीदारी वाले देशों में से एक है दोनों देशों के बीच पिछले कई वर्षों से द्विपक्षीय संबंधों में एक प्रगाणता देखी गई है। 2022 में जब श्रीलंका आर्थिक संकट का सामना कर रहा था उस वक्त भारत ने श्रीलंका को 4 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान की थी। भारत के दक्षिणी तट के करीब स्थित श्रीलंका भारत के लिए एक बहुत बड़ा भू-रणनीतिक महत्व रखता है। आर्थिक संकट से जूझते हुए श्रीलंका के लिए भारत ने चीन के बढ़ते आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव पर अपनी चिंता व्यक्त करता रहा है जिसको देखते हुए श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव भारत के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को मिल रही कड़ी टक्कर

श्रीलंका में हुआ यह राष्ट्रपति चुनाव मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए किसी अग्निपरीक्षा के कम नहीं है जिन्होंने देश को आर्थिक संकट से निकालने का दावा किया है। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर के अनुरा कुमारा दिसानायके और समागी जन बालावेगया के साजिथ प्रेमदासा से कड़ी टक्कर मिलने की पूरी संभावना है।शनिवार को हुए मतदान के बाद राष्ट्रपति बनने की दौड़ में अनुरा कुमारा दिसानायके अपने दोनों प्रतिद्वंदियों से आगे चल रहे हैं।
श्रीलंका में चुनाव पर चीन भी गड़ाए है पैनी नजर
पड़ोसी मुल्क की नजर से देखा जाए तो भारत के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति का चुनाव इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के एक और पड़ोसी देश चीन की भी नजर श्रीलंका में हो रहे चुनाव पर है। श्रीलंका के आर्थिक संकट के समय जिस समय भारत ने उसकी मदद की थी उसी समय चीन भी श्रीलंका को लुभाने के लिए उसे लगातार ऋण देने की पेशकश करता रहा हालांकि रानिल विक्रमसिंघे जो भारत से अपनी निकटता मौके-मौके पर प्रतीत करते रहे हैं। उन्होंने भारत से मदद लेने में कोई गुरेज नहीं की थी।
भारत और श्रीलंका के बीच रिश्ते हमेशा से पारंपरिक रुप से सौहार्दपूर्ण रहे हैं दोनों देशों की सांस्कृतिक,धार्मिक परंपरा लगभग मिली-जुली सी रही है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश भी पिछले कुछ सालों में बढ़ा है भारत ने श्रीलंका में शिक्षा,संस्कृति और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया है इसलिए श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव भारत के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।