Mukhtar Ansari Story:जरायम की दुनिया में कम समय में बड़ा नाम कमाने से लेकर राजनीति में एंट्री करने वाले माफिया गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की यूपी की बांदा जेल में गुरुवार रात को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई है.परिजनों का आरोप है कि,मुख्तार को जेल के अंदर खाने में स्लो प्वाइजन दिया गया है.खुद मुख्तार अंसारी ने भी जेल के अंदर से एक चिट्ठी के जरिए इस बात की जानकारी दी थी कि,उसको खाने में जहर दिया गया जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ती चली गई.मुख्तार अंसारी के ऊपर मर्डर के 14 मामलों सहित 63 अलग-अलग मुकदमे चल रहे थे जिसमें से 8 मामलों में उसे दोषी करार दिया गया था।
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मुख्तार की मौत से UP की सियासत में भूचाल!
लोकसभा चुनाव का समय है और ऐसे समय में माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की खबर से यूपी की सियासत में भूचाल सा आ गया है.माफिया की मौत की खबर बाहर आते ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी बड़े प्रशासनिक अफसरों के साथ सीएम आवास पर बैठक की और पूरे यूपी में धारा 144 लागू करने का आदेश दिया.यूपी के गाजीपुर,बांदा,वाराणसी,आजमगढ़ से लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
बेहद नामी खानदान में जन्मा मुख्तार अंसारी
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से जुर्म की दुनिया में एंट्री करने वाले माफिया मुख्तार अंसारी के आपराधिक रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो उसने पंजाब,वाराणसी,आजमगढ़,गाजीपुर,मऊ से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक कई आपराधिक साजिशों को अंजाम दिया.उत्तर प्रदेश से युसुफपुर में एक रसूखदार और बेहद नामी खानदान मे जन्मे मुख्तार अंसारी ने जुर्म की गलियों से होते हुए राजनीति की दुनिया में कदम रखा।
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दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे
मुख्तार अंसारी के परिवार की जड़े आजादी की लड़ाई से लेकर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध तक से जुड़ी हुई हैं.माफिया के दादा मुख्तार अहमद अंसारी अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने वाली कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में से एक रहे थे.मुख्तार अहमद की दोस्ती जवाहर लाल नेहरू से थी वो कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके थे.कांग्रेस में मुख्तार अहमद के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि,खुद महात्मा गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया था.दिल्ली की मशहूर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के संस्थापकों में से एक 1928 से 1936 तक यूनिवर्सिटी के चांसलर रहे.दिल्ली की अंसारी रोड और अंसारी नगर मुख्तार अहमद के नाम पर ही रखी गई है।
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नाना मोहम्मद उस्मान सेना में रहे अफसर
मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में अफसर रहे थे जिन्हें नौशेरा के शेर के नाम से जाना जाता है.1948 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में मोहम्मद उस्मान शहीद हो गए थे.युद्ध में उनकी बहादुरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि,पाकिस्तान ने उनके ऊपर उस समय 50 हजार रुपये का इनाम रखा था.ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को मरणोपरांत वीरता के लिए महावीर चक्र से भी नवाजा जा चुका है।
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मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई हैं पूर्व उपराष्ट्रपति
देश के उराष्ट्रपति रहे और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार हामिद अंसारी मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई हैं.मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट पर बसपा से सांसद हैं और इस बार समाजवादी पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए यहां से टिकट दिया है.मुख्तार अंसारी ने जुर्म की दुनिया में अपना अलग इतिहास बनाया लेकिन इसके साथ ही उसने राजनीति में भी एंट्री ली.खुद मुख्तार अंसारी पहली बार मऊ सदर विधानसभा से 1996 में बसपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचा था.इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दलीय विधायक भी बना.साल 2012 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी ने खुद की बनाई कौमी एकता दल पार्टी से जीत दर्ज कर विधायक बना था।
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15 साल की उम्र में रखा अपराध की दुनिया में कदम
मुख्तार अंसारी साल 2017 में बसपा से चुनाव जीता.2009 के लोकसभा चुनाव में वो वाराणसी से भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ उम्मीदवार रहा लेकिन उसे 17 हजार से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।मुख्तार अंसारी जब महज 15 साल का था तो उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा,गाजीपुर के सैदपुर पुलिस थाने में उसके खिलाफ पहला केस दर्ज हुआ था जिसमें उसके ऊपर धमकी देने का आरोप लगा था.साल 1986 में मुख्तार के खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मद थाने में मर्डर का पहला मुकदमा दर्ज किया गया,इसके बाद उसके गुनाहों की लिस्ट बेहद लंबी होती गई और महज एक दशक के भीतर उसके ऊपर कई संगीन धाराओं में 14 केस दर्ज हो गए।
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5 बार मऊ सीट से रहा विधायक
नवंबर 2005 में पूर्व विधायक कृष्णानंद राय समेत 6 अन्य लोगों को 400 राउंड से ज्यादा फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया था.इस हत्या का आरोप भी मुख्तार अंसारी के ऊपर था.वहीं आज जब मुख्तार अंसारी की मौत की खबर जंगल में आग की तरह फैली तो कृष्णानंद राय की पत्नी ने वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की।मुख्तार अंसारी 5 बार मऊ विधानसभा सीट से अलग-अलग पार्टियों के सिंबल पर विधानसभा पहुंचा.साल 2005 तक मुख्तार के खिलाफ हत्या और गैंगस्टर एक्ट के 7 मामलों सहित 28 केस दर्ज हुए.सितंबर 2022 तक उसे 8 मामलों में दोषी करार दिया जा चुका था.वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने इसी महीने की शुरुआत में 37 साल पहले धोखाधड़ी से हथियार लाइसेंस हासिल करने के मामले में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी।