लखनऊ संवाददाता : रितेश श्रीवास्तव
लखनऊ : भारत मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद देश की जनता को स्वास्थ्य सेवाओ का लाभ पहुचाने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुवात की गई जिसके तहत आयुष्मान कार्ड धारकों को अस्पतालों में मुफ्त इलाज की ब्यवस्था की गई। वही इसी जनकल्याणकारी ब्यवस्था को कुछ अस्पताल मानने से इनकार करने में जरा सा भी परहेज नही करते है। ताजा मामला राजधानी लखनऊ से जुड़ा हुआ है जहां एक अस्पताल पर आयुष्मान को बिना इलाज के ही लौटाने का आरोप लगा।
इलाज मुफ्त होता है
लखनऊ के सीतापुर रोड योजना स्थित बटहा सबोली गाव के निवासी अशोक रावत ने जानकीपुरम स्थित विशाल हॉस्पिटल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल कर्मियों ने आयुष्मान कार्ड से इलाज करने के लिए मना कर दिया जबकि अस्पताल परिसर में बड़े बड़े अक्षरो में लिखा था कि यहां पर आयुष्मान का इलाज मुफ्त होता है।
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आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल
दरसल सबोली निवासी अशोक रावत के बेटे कौशल रावत की तवियत अचानक खराब हुई तो अशोक ने पास के विशाल अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर उसका इलाज डॉक्टर राहुल यादव ने शुरू किया मरीज के पिता अशोक रावत का कहना है कि दो दिन इलाज के दौरान
30- 40 हजार रुपये का बिल बना दिया गया। वही जब अस्पताल के कर्मचारी को मरीज का आयुष्मान कार्ड दिखाया गया तो अस्पताल तथा इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना था कि इस बीमारी में आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल नही होता।
अस्पताल में शिफ्ट करा दिया
वही मरीज के पिता अशोक रावत का कहना था हॉस्पिटल द्वारा एक दवा मंगाया गया जिसकी कीमत अस्ताल के मेडिकल स्टोर में 7325 रुपये है वही इसी दवा का रेट बाहर के मेडिकल स्टोरों पर 4600 रुपये के लगभग है ।जब परिजन बाजार से उक्त दवा को लेकर हॉस्पिटल पहुँचे तो डॉक्टरों ने दवा को लेने से इनकार कर दिया और हॉस्पिटल के ही मेडिकल स्टोर की दवा लेने का दबाव बनाया जिसके बाद मरीज के परिजनों ने मरीज को डिस्चार्ज करा कर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया।
आगे की कार्यवाई की जाएगी
वही जब इस मामले पर प्राइम टीवी के संवाददाता रितेश श्रीवास्तव ने हॉस्पिटल के डॉक्टर राहुल यादव से मामले की जानकारी ली तो डॉक्टर गोलमाल जवाब देते रहे। डॉक्टर राहुल यादव ने कहा कि जिस तरीके से इस मरीज का लिवर 70 प्रतिशत तक खराब है तो ऐसे में हम थोड़ा आयुष्मान कार्ड से इलाज करने में हिचकते है। हॉस्पिटल संचालक राम अचल सिंह का कहना है कि सारे आरोप बेबुनियाद है ।इलाज संबंधी सभी दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग को प्रस्तुत किये जायेंगेवही इस पूरे मामले पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एपी सिंह का कहना है कि मामले में दोनों पक्षो से बयान लेकर आगे की कार्यवाई की जाएगी।