Amit Shah On CAA: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून CAA लागू हो चुका है और इसको लेकर विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है.CAA को लेकर सबसे ज्यादा अरविंद केजरीवाल भड़के हुए नजर आए.जिनके एक बयान को लेकर घमासान मच गया है.केजरीवाल ने बुधवार को अमित शाह को जवाब देते हुए कहा कि,लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गृह मंत्री की ओर से CAA लागू करना बीजेपी की वोट बैंक की गंदी राजनीति है.पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थियों को लेकर केजरीवाल ने कहा,इनकी वजह से दिल्ली में चोरी और रेप की घटनाएं बढ़ेंगी.
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शरणार्थियों का केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन
सीएए के हिस्से के रूप में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इन देशों में 2.5 करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यक हैं और नागरिकता पाना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा होगा. उनमें से आधे भी भारत आ गए तो हम उन्हें कहां ठहराएंगे? पहले घुसपैठिये हमारी सीमा पार करने से डरते थे,अब वे खुलेआम घुस जाएंगे. केजरीवाल के इस बयान को बीजेपी ने आड़े हाथों लिया.
वहीं साथ ही तमाम शरणार्थी वर्ग भी केजरीवाल के इस बयान से भड़क गए.जिसके बाद शरणार्थियों ने केजरीवाल के घर के आगे प्रदर्शन किया. इन सभी का कहना है कि,केजरीवाल ने जो कहा वो गलत है और उन्होंने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है। आपको बता दें कि,गृह मंत्री अमित शाह ने एक मीडिया एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा था कि ,सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा.हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे।
CAA पर क्या बोले CM केजरीवाल?
बुधवार को अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार को CAA वापस लेने की मांग करते हुए कहा,10 साल देश पर राज करने के बाद बीजेपी की सरकार CAA लागू करने की बात कर रही है. देश में महंगाई और बेरोजगारी बड़ी समस्या है.इसका समाधान खोजने के बजाए बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में लाना चाहते हैं.
उन्हें नौकरियां देंगे,घर बसाएंगे तो हमारे बच्चों की जॉब और बेघरों का क्या होगा? बीजेपी हमारे हक के घर पाकिस्तानियों को देना चाहते हैं.विकास के नाम पर खर्च होने वाला पैसा पाकिस्तानियों पर खर्च होगा.इन देशों से 1.5 करोड़ लोग भी आ गए तो रोजगार कौन देगा? कुछ लोग इसे बीजेपी की गंदी राजनीति बोलते हैं.इन्हें ऐसे क्षेत्रों में बसाया जाएगा, जहां बीजेपी का वोट बैंक कम है।
अमित शाह का केजरीवाल को जवाब
विपक्ष के इस आरोप पर कि,भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा ‘विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है…उनका इतिहास है…वे जो कहते हैं,वो करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है और नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वो पत्थर की लकीर है.
पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है.उन्होंने यहां तक कहा कि,सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यहां तक ये भी कहा कि,अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था.हम 1950 से कह रहे हैं हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे।
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ममता बनर्जी को दिया जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए अधिसूचना पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कहा, ‘वो दिन दूर नहीं, जब बीजेपी वहां (पश्चिम बंगाल) सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी. अगर आप इस तरह की राजनीति करेंगे और इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर तुष्टीकरण की राजनीति कर घुसपैठ कराएंगे और शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का विरोध करेंगे, तो जनता आपके साथ नहीं होगी.ममता बनर्जी को शरण लेने वाले व्यक्ति और घुसपैठिए के बीच अंतर नहीं पता।
शरणार्थी आए तो बढ़ जाएगी चोरी-डकैती-केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने शरणार्थी को लेकर कहा कि ,पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश गरीब देश हैं. हम इस कानून के तहत अपने देश के दरवाजे खोल रहे हैं. ऐसे में ये गरीब लोग उठ-उठ कर चले आएंगे. अगर एक-डेढ़ करोड़ लोग भी आ गए तो 1947 से भी बड़ा माइग्रेशन होगा. इन लोगों के आने से कानून व्यवस्था चरमरा जाएगी. चोरियां, डकैतियां, बलात्कार बढ़ जाएंगे. पता नहीं कैसे-कैसे लोग आएंगे. हमारे देश की सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ जाएगी, दंगे भड़क जाएंगे।
केजरीवाल के बयान पर शाह ने दिया जवाब
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के ‘शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे’ वाले बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि,दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं.उन्हें पता नहीं है कि,ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रहने भी लगे हैं.अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं.वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।
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