Madhya Pradesh:मंगलवार की शाम को लगभग छः बजे अचानक देखते ही देखते मौसम का मिजाज बिगड़ गया और तेज वारिस के साथ साथ ओलों की वारिस शुरू हो गई । विनोली आकार के ओले दो तीन मिनिट तक अनवरत जारी रहे। गौरतलब रहे कि किसानों के खेतों में चना बटरी तेवड़ा गेहूं की फसल लगभग खड़ी हुई है और ऐसी स्थिति में ओलों पानी से फसलें बर्बाद हो सकती है। वैसे भी मसूर बटरी तेवड़ा की उपज विभिन्न रोगों से ग्रसित होने के कारण लगभग बर्बाद हो चुकी है। आस पास ग्रामीण क्षेत्रों में भी ओले पानी गिरने के समाचार मिले है।
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फसल उतनी स्वस्थ नहीं रही जितनी होनी चाहिए
अचानक की यह वारिस किसानों को किसी आफत से कम नहीं है। फसलें खेतों में कटी पड़ी रहनें से निश्चित तौर पर मौसम साफ होने तक उन्हें फिर दाने काले पड़ने जैसी विभिन्न विसंगतियों से जूझना पड़ सकता है। इस बार किसान बुरी तरह से प्रभावित बना हुआ है। पहले लालिया माहू ने मसूर जैसी फसल को निगल लिया वहीं तेवड़ा और बटरी की फसलों में अपेक्षित उपज ना निकलने एक एकड़ में एक से दो बोरा उपज निकलने के साथ साथ चना की फसल उतनी स्वस्थ नहीं रही जितनी होनी चाहिए थी।
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गेंहू की फसल को भी प्रभावित करेंगे
विभिन्न प्रकार की कीटनाशक दवाओं के माध्यम से उसे बचा तो लिया है लेकिन उपज ठीक तरह से निकल नहीं रही है। अचानक की वारिस और विनोली आकार के ओले गेंहू की फसल को भी प्रभावित करेंगे। जिन किसानों के खेतों में गन्ना काटे जाने का काम चल रहा था वह भी कुछ दिनों के लिए प्रभावित हो जायेगा।