West Bengal: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली विवाद पर राजनीति गरमायी हुई है. अब ये मामला कोर्ट भी पहुंच चुका है. महिलाओं के कथित उत्पीड़न को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. दायर याचिका में मुकदमे को बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने की मांग की गई है. ये याचिका वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने दायर की है. उन्होंने कोर्ट से मुआवजे की भी मांग की है.
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राज्य पुलिस पर कार्रवाई की मांग
आलोक अलख श्रीवास्तव ने कोर्ट में दायर याचिक में अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से न निभाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. संदेशखाली मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी. बता दे कि इससे पहले रविवार को उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शिबू हाजरा को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की खबर आई. तृणमूल कांग्रेस नेता शिबू हाजरा को एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था. शिबू को हिरासत में भेजने का फैसला बशीरहाट सबडिवीजन कोर्ट ने सुनाया। इनके खिलाफ संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के उत्पीड़न के आरोप लगे हैं.
राज्य पुलिस पर लगे आरोपों पर बोली सीएम ममता
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस पूरे घटनाक्रम और राज्य की पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर कहा कि संदेशखाली में एक घटना घटी. पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम को भेजा गया. इसके बाद उनके मित्र भाजपा के लोग घुसे. फिर तिल का ताड़ बनाया गया. उन्होंने कार्रवाई और पीड़ितों को इंसाफ का आश्वासन देते हुए कहा, ‘मैं अफसरों को भेजूंगी, जिनकी शिकायत हो बताएं. अगर किसी ने कुछ लिया है, तो सब कुछ वापस किया जाएगा.’
क्या है मामला?
पंश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव की महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. महिलाएं लगातार नेता और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. वहीं, इस मामले को लेकर भाजपा लगातार ममता सरकार पर निशाना साध रही है.
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