आईईटी कानपुर में भाषण देते समय वैज्ञानिक समीर खांडेकर अचानक से बेसुध होकर मंच पर गिर पड़े और मौके पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक उन्हें मंच पर ही हार्टअटैक आया और वह गिर गए। उनके गिरते ही हड़कंप मच गया।
IIT Kanpur Professor Heart Attack: आईआईटी कानपुर में सीनियर प्रोफेसर और स्टूडेंट वेलफेयर के डीन के पद पर तैनात समीर खांडेकर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। बता दे कि वह प्रोफेसर होने के साथ डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर के पद पर भी थे। संस्थान में शुक्रवार सुबह चल रहे एलुमनी मीट कार्यक्रम में संबोधन के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी। उनको कार्डियोलॉजी ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 55 साल के प्रो. समीर के परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी प्रद्यन्या खांडेकर और पुत्र प्रवाह खांडेकर हैं।
बेटा विदेश में…
55 वर्षीय वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर समीर खांडेकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर होने के साथ ही डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर के पद पर भी कार्य कर रहे थे। प्रोफेसर समीर परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी प्रद्यन्या और बेटे प्रवाह को अपने पीछे छोड़ गए हैं। बताया जा रहा है कि उनका बेटा विदेश में है जिसे जानकारी दे दी गई है और उसके लौटने के बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अच्छी सेहत पर दे रहे थे लेक्चर…
प्रोफेसर खांडेकर शुक्रवार को आईआईटी के ऑडिटोरियम में एलुमनाई मीट के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे और अच्छी सेहत के विषय में बात कर रहे थे। उनके आखिरी शब्द थे कि अपनी सेहत का ध्यान रखो और यह कहते ही उन्हें अचानक दर्द हुआ और कुछ देर बाद वह बैठ गए। लोगों को लगा वह भावुक हो रहे हैं कोई कुछ समझ नहीं पाया। उनका चेहरा पसीना-पसीना हो गया और प्रोफेसर वहीं बेहोश हो गए।
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जबलपुर में हुआ था जन्म…
10 नवंबर 1971 को जबलपुर में जन्मे प्रो. समीर ने 2000 में आईआईटी कानपुर से बीटेक और जर्मनी ने 2004 में पीएचडी किया था। इसके बाद 2004 में आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन किया था। 2009 में एसोसिएट प्रोफेसर, 2014 से प्रोफेसर, 2020 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष बने। इसी साल उनको डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर पद की जिम्मेदारी मिली।
प्रोफेसर खांडेकर के नाम थे 8 पेटेंट…
उनके सहयोगियों की माने तो उन्हें कोलेस्ट्राल से जुड़ी परेशानी 2019 में हुई थी। बता दें कि वे आईआईटी कानपुर के छात्र भी थे। 55 साल के प्रोफेसर समीर खांडेकर ने साल 2000 में कानपुर से ही आईआईटी किया था। इसके बाद 2004 में जर्मनी से पीएचडी करने के बाद से ही कानपुर आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात थे। बता दें कि उनके नाम पर 8 पेटेंट थे। पेटेंट से तात्पर्य उन चीजों से जिनकी खोज आपने स्वयं की होती है।