Hathras: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत से पूरा देश स्तब्ध है. अस्पताल और मौके पर जमीन पर पड़ी लाशों का दृश्य देखकर हर किसी की रुह कांप उठ रही. बेबस और लाचार अपनों के शवों के साथ बैठे लोगों का दृश्य अत्यंत हृदयविदारक था. इस हादसे को लेकर प्रशासनिक लापरवाही के प्रति लोगों में गहरा आक्रोश है. इस बीच क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) में तैनात 30 वर्षीय कॉन्स्टेबल रजनीश को भीषण स्थिति देखकर हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई.
लाशों का ढेर देख रजनीश को दिल का दौरा पड़ा
रजनीश एटा मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात थे. भगदड़ में घायल लोगों को इसी अस्पताल में लाया गया था, जहां से पहले 27 लोगों की मौत की खबर आई थी. डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के कारण कई घायलों की भी जान चली गई. रजनीश, जो अवागढ़ में क्यूआरटी का हिस्सा थे, को लाशों का ढेर देखकर दिल का दौरा पड़ा. लाशों का यह भयावह दृश्य उनके लिए अत्यधिक घातक साबित हुआ.
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भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों भक्तों की भीड़ जुटी
हाथरस (Hathras) जिले में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों भक्तों की भीड़ जुटी थी. प्रशासन की अनुमति से अधिक संख्या में भक्त कार्यक्रम में पहुंचे थे. सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिससे सैकड़ों भक्त बेहोश हो गए. उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें से 100 से अधिक लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घायल लोगों को इलाज के लिए एटा भेजा गया था. यह घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है.
बिछड़ों की तलाश में जुटे लोग
कुछ लोग सत्संग में बिछड़े अपने परिवार के लोगों की तलाश में घटनास्थल पर पहुंचे थे. भगदड़ के बाद का खौफनाक मंजर देखकर कोई भी सिहर सकता है. घटनास्थल और अस्पताल में बड़ा ही मार्मिक दृश्य देखने को मिला. जिन परिवारों ने अपनों को खोया, वे रो-रो कर बेहाल हो गए. अस्पताल में लाशों के ढेर देखकर भी लोगों की आंखें भर आईं.
अस्पताल की अव्यवस्था पर आक्रोश
सत्संग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर भी आक्रोश जताया. लोगों का कहना था कि अस्पताल परिसर में लाशों का ढेर पड़ा था, लेकिन कोई डॉक्टर उपचार के लिए तैयार नहीं था. पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ. लोगों का कहना था कि रात से ही रोड पर जाम लगा था, जिसे पुलिस ने हटाया, जिससे भगदड़ मच गई. अस्पताल में लाशों का ढेर लग चुका था, लेकिन वहां केवल एक ही डॉक्टर था.
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