Haryana News: हरियाणा( Haryana)में सरकार बदलते ही कृषि विभाग के 24 अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है। जहां राज्य सरकार ने मंगलवार को इन सभी कर्मचारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है। सस्पेंड किए गए कर्मचारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (Agriculture Development Officer)से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर (Agriculture Supervisor)तक के पद पर कार्यरत अधिकारी शामिल हैं। वहीं ये कार्रवाई विभागीय पराली प्रबंधन ना करवाने पर कर्मचारियों के खिलाफ की गई है।
पराली जलाने पर विफलता का आरोप
इस कार्रवाई की मुख्य वजह पराली जलाने को रोकने में इन अधिकारियों की विफलता बताई जा रही है। हरियाणा सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए विशेष प्रयास किए थे, जिसमें पराली जलाने पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे। इन अधिकारियों की ड्यूटी इसी उद्देश्य के लिए लगाई गई थी, परंतु ये सभी इस काम में असफल रहे।
सरकार की सख्त कार्रवाई
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सस्पेंड किए गए कर्मचारियों में कई जिलों के अधिकारी शामिल हैं। इनमें सोनीपत, पानीपत, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और अंबाला के कर्मचारी हैं। सोनीपत, पानीपत, हिसार और जींद के दो-दो अधिकारी, कैथल, करनाल और फतेहाबाद के तीन-तीन अधिकारी, और कुरुक्षेत्र के चार अधिकारी शामिल हैं। इन सभी को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफल रहने के कारण सस्पेंड किया गया है।
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प्रदूषण नियंत्रण में सख्ती
सरकार ने यह कार्रवाई प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के तहत की है। पराली जलाने से वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि होती है, जिससे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। हरियाणा सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं और संबंधित अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी, परंतु इन अधिकारियों की विफलता के चलते यह कार्रवाई की गई है।
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18 किसान गिरफ्तार
बता दें कि कटाई के बाद अक्टूबर और नवंबर के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए अक्सर हरियाणा और पड़ोसी पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है। वहीं पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के लिए 18 किसानों को गिरफ्तार किया गया लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया क्योंकि यह अपराध जमानती है।