Haryana Assembly Elections: भाजपा के भीतर इस समय राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। टिकट वितरण को लेकर उठे विवाद और इस्तीफों ने पार्टी की चुनावी रणनीति को प्रश्नांकित किया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, लेकिन इस सूची से पार्टी में असंतोष और बगावत के स्वर फूट पड़े हैं। कई नेताओं के टिकट कटने से नाराजगी के चलते पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई है, जिससे बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है।
रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा ने रतिया विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दिया है, जिसे लेकर लक्ष्मण नापा नाराज हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, वे आज शाम 3 बजे कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। इस बदलाव ने पार्टी की रणनीति पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं और पार्टी के भीतर ही विरोध के स्वर उभरने लगे हैं।
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पूर्व मंत्री कविता जैन और कार्यकर्ताओं में छायी नाराजगी
पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन का टिकट कटने के बाद पार्टी के कई पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पहले ही प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देने की मांग की थी। कार्यकर्ताओं का कहना था कि मौजूदा विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा, और मुख्तयार बाजीगर में से किसी एक को टिकट मिलनी चाहिए थी। इसके बावजूद, बीजेपी ने सुनीता दुग्गल को टिकट देने का फैसला किया, जिससे पार्टी में अंदरूनी असंतोष बढ़ गया है।
सुनीता दुग्गल की राजनीति में एंट्री
साल 2014 में आईआरएस सुनीता दुग्गल ने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था। उन्हें पहले रतिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन वे इनेलो के उम्मीदवार रविंद्र बलियाला से मात्र 453 वोटों से हार गईं थीं। इसके बाद, उन्हें हरियाणा सरकार में अनुसूचित जाति विकास निगम की चेयरपर्सन बनाया गया। साल 2019 में उन्होंने सिरसा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
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भाजपा की टिकट नीति पर व्याप्त असंतोष
सिरसा के रानियां से भाजपा टिकट कटने के बाद हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने अपने निवास पर कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। बैठक में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जमा हुए और पार्टी की टिकट वितरण नीति पर नाराजगी जाहिर की। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा ने बाहरी उम्मीदवार को टिकट देकर स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है, जिससे उनमें असंतोष बढ़ गया है। बैठक में कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
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सावित्री जिंदल ने समर्थकों की बुलाई बैठक
भाजपा से टिकट कटने के बाद हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने हिसार में अपने समर्थकों की एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में उनके समर्थकों ने आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। सावित्री जिंदल ने अपने समर्थकों से कहा कि भविष्य में उनके अगले कदम का निर्धारण उनके समर्थक करेंगे। यह स्थिति भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है क्योंकि पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति को लेकर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। आगामी चुनावी माहौल में इन घटनाक्रमों का असर पार्टी की चुनावी जीत-हार पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ सकता है।
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