Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने का निर्णय फिलहाल रोक दिया गया है। भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में गुरुवार देर शाम हुई, जिसमें 90 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों पर गहन चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक 1 सितंबर को हो सकती है, और तब तक उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने की संभावना है। इस बार भाजपा ने किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया है।
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टिकट बंटवारे में नई रणनीति
भाजपा ने इस बार टिकट वितरण के लिए नए मापदंड तैयार किए हैं। पार्टी जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर टिकट देने की योजना बना रही है। उम्मीदवारों के चयन में उनकी जीतने की संभावना और लोकप्रियता को प्राथमिकता दी जाएगी। खास बात यह है कि इस बार पार्टी नेताओं के परिवार के सदस्यों को भी टिकट देने पर विचार कर रही है। असंतोष के प्रभाव को कम करने के लिए टिकटों पर कैंची भी चलाई जाएगी, और लगभग 30 प्रतिशत मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। कई मंत्रियों का टिकट भी कट सकता है। हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल ने चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है, जिससे टिकट बंटवारे में और भी बदलाव की संभावना बढ़ गई है।
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मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के टिकट पर चर्चा
मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट बदलने की संभावना है। वह वर्तमान में करनाल सीट से विधायक हैं, लेकिन इस बार पार्टी उन्हें लाडवा सीट से मैदान में उतारने का मन बना चुकी है। अंबाला कैंट से अनिल विज चुनावी मैदान में उतरेंगे, जबकि राव इंद्रजीत राव की बेटी को टिकट दिए जाने की संभावना है, जो अभी मात्र 18 साल की हैं। पार्टी हरियाणा से दो खिलाड़ियों को भी टिकट देने पर विचार कर रही है। फिलहाल फरीदाबाद की बड़कल और एनआईटी सीट्स पर फैसला पेंडिंग है।
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राजनीति के रंगमंच पर नया ड्रामा
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा की टिकट वितरण प्रक्रिया में चल रहे बदलाव राजनीतिक रंगमंच पर एक नई उथल-पुथल का संकेत दे रहे हैं। पार्टी का इस बार जातिगत समीकरणों और लोकप्रियता के आधार पर उम्मीदवारों को चुनने का निर्णय आगामी चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है। टिकट बंटवारे में मौजूदा विधायकों और मंत्रियों की स्थिति पर पुनर्विचार पार्टी के भीतर अनिश्चितता और राजनीतिक ड्रामा को जन्म दे सकता है। विशेष रूप से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट बदलने और युवा नेता के रूप में राव इंद्रजीत राव की बेटी की एंट्री जैसे फैसले पार्टी की चुनावी रणनीति में एक नए दौर की शुरुआत का संकेत देते हैं। आगामी दिनों में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद यह स्पष्ट होगा कि भाजपा की इन नई रणनीतियों का चुनाव परिणाम पर क्या प्रभाव पड़ेगा।