मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम जिस तरह से कांग्रेस के लिए चौंकाने वाले हैं वैसे ही इस बार चुनाव में जीते कुछ प्रत्याशी भी ऐसे हैं जिन्होंने जीत दर्ज कर सभी को चौंकाने का काम किया है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है लेकिन पार्टी की ओर से अब तक राज्य में मुख्यमंत्री पद के नाम की घोषणा नहीं की गई है।
हालांकि इस बीच मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के बाद जिस शख्स की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वो हैं मध्य प्रदेश में रतलाम की सैलाना सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे कमलेश्वर डोडियार जिन्होंने भारत आदिवासी समाज पार्टी से चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस प्रत्याशी हर्ष विजय को पराजित किया है। कमलेश्वर ने कांग्रेस प्रत्याशी को 4 हजार 618 वोटों के अंतर हराया है।
71 हजार 219 वोट मिले…
आपको बता दें कि.कमलेश्वर डोडियार ने इससे पहले 2018 में चुनाव लड़ा था लेकिन उस वक्त वो चुनाव में हार गए थे। कमलेश ने इसके बावजूद हार नहीं मानी और दोबारा चुनाव मैदान में उतरे जहां उन्हें 71 हजार 219 वोट मिले थे। मध्य प्रदेश की सैलाना सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ था जहां 90.08 प्रतिशत वोटिंग हुई।
12 लाख का कर्ज लेकर चुनाव लड़ा…
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे कमलेश्वर डोडियार ने काफी गरीबी में अपना जीवन बिताया है.कमलेश्वर डोडियार इस वजह से भी चर्चा में हैं क्योंकि उन्होंने 12 लाख का कर्ज लेकर चुनाव लड़ा था. विधायक बने कमलेश्वर डोडियार के माता-पिता मजदूरी करते हैं। वे सैलाना विधानसभा के सरवन क्षेत्र के छोटे गांव राधाकुंवा के निवासी हैं,दो वक्त की रोटी के लिए दोनों दिन-रात काम करते हैं। आज भी उनकी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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आर्थिक तंगी के बीच स्नातक की पढ़ाई…
मध्य प्रदेश के राधाकुंवा गांव में कमलेश्वर डोडियार का पूरा परिवार रहता है। माता-पिता और कमलेश्वर आज भी झोपड़ी में रहते हैं। बारिश के दिनों में इसमें रहना भी मुश्किल होता है। कमलेश्वर ने आर्थिक तंगी के बीच स्नातक की पढ़ाई उज्जैन के विक्रम यूनिवर्सिटी से की है। वहीं, वकालत की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से की है।
निर्दलीय चुनाव लड़कर 18 हजार 800 वोट हासिल…
6 वर्ष पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर जय जोहार का नारा देने वाले कमलेश्वर डोडियार को कई बार जेल भी जाना पड़ा है।इसके बावजूद कमलेश्वर डोडियार आदिवासियों के हक की लड़ाई अपने क्षेत्र में लड़ते रहे। कमलेश्वर सैलाना विधानसभा क्षेत्र से पहली बार 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़कर 18 हजार 800 वोट हासिल किए थे। इसके बाद वर्ष-2019 में रतलाम झाबुआ संसदीय सीट पर मैदान में उतरकर 14 हजार मत प्राप्त किए थे। कमलेश्वर ने इस बार कमलेश्वर ने दोनों दलों के दिग्गज नेताओं को हरा दिया है।