कानपुर नगर संवाददाता: दीपक यादव
Kanpur: औलाद पाने की चाहत मे पति पत्नि ने भतीजे और गाँव के एक शख्स को शामिल कर 6 साल की मासूम बच्ची की हत्या कर उसका कलेजा निकाला और फिर उस कलेजे को पति पत्नि ने खाया और बच्ची की लाश को खेत मे फेंक दिया। घटना लगभग 3 साल पहले की है और औलाद पाने का ये तरीका उन्हें किसी तात्रिंक ने बताया था। इसी कड़ी मे आज न्यायालय ने चारो आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा सूना दी है। घटना कानपुर नगर के घाटमपुर की थी।
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तात्रिंक के झांसे में फंस गया
यूपी के कानपुर नगर के घाटमपुर कोतवाली के भादरस गाँव मे रहने वाले परशुराम पत्नि सुनैना भतीजा अंकुर उर्फ़ लुला और पडोसी बीरेन ने मिलकर दरिंदगी और दहशत की ऐसी इबारत लिखी जिसे सुन कर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे। दरअसल, घटना 14 नवम्बर 2020 की है. परशुराम के शादी के 18 साल बाद भी कोई औलाद नहीं हुई। क्या डॉक्टर क्या नीम हकीम सारे नुसखे अपनाए पर कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद परशुराम किसी तात्रिंक से मिला तात्रिंक ने औलाद होने की गारंटी ली और दीपावली की रात किसी कम की बच्ची या बच्चे का कलेजा निकाल कर खाओ तो औलाद हो जाएगी।
न्यायालय के फैसले से पीड़ित परिवार खुश
बस तात्रिक का कहना और परशुराम, परशुराम से राक्षस बन गया। उसने 2020 दीवाली की रात पत्नि सुनैना भतीजे अंकुर उर्फ़ लुला और पडोसी बीरेन को शामिल कर गाँव के ही करन कुरील की 6 साल की मासूम बच्ची श्रेया को बहला फुसला कर घर ले गया और श्रेया की निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद परशुराम ने मासूम श्रेया का सीना चीर कर कलेजा निकाला और पत्नि सुनैना के साथ मिलकर खाया और श्रेया की लाश को खेत मे फेक दिया। पुलिस की तफ्तीश मे चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर 2020 मे जेल भेजा था। वही आज न्यायालय ने चारो आरोपियों को 20 बीस हज़ार का जुर्माना और आजीवन कारावास की सज़ा सुना दी है। महज़ 3 साल के अंदर न्यायलय के इस फैसले से पीड़ित परिवार खुश है और उन्हें लगता है की उन्हें न्याय मिला।
बड़ा सवाल है की ग्लोबलाइजेशन की इस दौर मे आज भी लोग तंत्र मंत्र जादू टोने मे विश्वास करते है। ज़रूरत है ऐसे तात्रिको से दूरी बनाने की साथ ही लोगो को जागरूक रहने की।
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