आप वाहन चलाना जानते हो या न हों फिर भी परिवाहन विभाग द्दारा आपको ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगी। जी हां ग्वालियर शहर से ऐसे ही एक ख़बर आयी है कि परिवहन विभाग द्दारा जो लोगों को ट्रेनिंग देने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस ज़ारी किया जा रहा है वह पूरी तरह से फर्जी दिया जा रहा है। क्योंकि ड्राइविंग टेस्ट तो किसी से लिया ही नहीं जा रहा है। यह पूरा खेल दलालों के सांठ गांठ से बहुत ही अच्छे तरीके से खेला जा रहा है और इस पर किसी का शायद ध्यान भी नहीं जा रहा है फिर शायद किसी ने इस पर ध्यान देने की कोशिश नहीं की होगी।
क्योंकि यहां पर पिछले कई समय से आरटीओ आ रहे हैं और चले जा रहे हैं पर किसी भी अधिकारी का ध्यान किसी ड्राइविंग टेस्ट के लिए बनी हुई ट्रेक पर नहीं गई।शायद इसी कमी का फायदा उठाकर यहां के दलालों ने अपना बिज़नेस आगे बढ़ा लिया है और लोगों को बिना ड्राइविंग टेस्ट के चलते ड्राइविंग लाइसेंस बांट रहा है।
ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया
परिवाहन विभाग द्दारा वाहनों का रजिस्ट्रेशन और लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गयी है। लेकिन दलालों के इस प्रक्रिया में शामिल हो जाने के बाद धांधली काफी बढ़ गई है। दलालों और कर्मचारियों के द्दारा इस धांधली बाज़ी को बड़े ही धड़ल्ले के साथ किया जा रहा है। इन दलालों ने 2500 रुपए में लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस लोगों में बांट दिया। जबकि परिवहन विभाग द्दारा मात्र 1600 रुपए में ही लोगों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने के बाद उनहें लाइसेंस दे दिया जाता है।
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खंडहर बन चुके हैं ड्राइविंग टेस्ट भवन
परिवाहन विभाग द्दारा लोगों को ड्राइविंग टेस्ट देने वाला भवन अब खंडहर हो चुका है। यह भवन आठ साल पहले ही तैयार कर दी गई थी। लेकिन भ्रष्ट कर्मचारियों और दलालों के वज़ह से उस ट्रेक पर कभी ट्रेनिंग कराई ही नहीं गई।
लोगों का कहना है कि अगर परिवहन भवन की मरम्मत फिर से कराई गई तो दलालों को नुकसान हो जाएगा । परिवहन भवन बनने के बाद अधिकारियों को फिर से बैठना पड़ेगा और ड्राइविंग टेस्ट करानी पड़ जाएगी। इसलिए लोग चाहते ही नहीं की इस परिवहन भवन को फिर से बनवाया जाए। भवन के आसपास झाड़ियां उग आयी हैं और लोगों ने पत्थर मार मार कर भवन के सारे शीशे को तोड़ दिया गया है।