Guru Nanak Jayanti:गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक, गुरु नानक देव जी (Guru Nanak ji)के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024) के दिन आयोजित किया जाता है। 2024 में यह विशेष त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में वर्तमान पाकिस्तान के ननकाना साहिब (तलवंडी) में हुआ था।
उन्होंने अपने जीवन में एकता, प्रेम और सेवा का संदेश दिया, और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए अपने दृष्टिकोण और शिक्षाओं का प्रचार किया। इस लेख में हम गुरु नानक देव जी की प्रमुख शिक्षाओं और गुरु नानक जयंती के प्रकाश पर्व के महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व क्यों कहा जाता है?
गुरु नानक जयंती(Guru Nanak Jayanti) को “प्रकाश पर्व” (Prakash Parv)के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से सिख धर्म के अनुयायी गुरुद्वारों में कीर्तन, कथा, और लंगर का आयोजन करते हैं। सिख समुदाय इस दिन “नगर कीर्तन” का आयोजन करता है, जिसमें गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को प्रसारित किया जाता है और उनके जीवन को श्रद्धा पूर्वक याद किया जाता है।
गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व इस कारण से कहा जाता है क्योंकि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवनभर समाज में फैले अज्ञान और अंधकार को दूर करने के लिए काम किया। उन्होंने अपने ज्ञान और उपदेशों के माध्यम से लोगों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। गुरु नानक देव जी ने धर्म, भाईचारे, और समानता का संदेश दिया, जिससे समाज में अंधकार की बजाय ज्ञान और प्रकाश का प्रसार हुआ। यही कारण है कि उनकी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
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गुरु नानक जयंती पर क्या करें?
गुरु नानक जयंती के दिन विशेष रूप से प्रभात बेला में जागरण और पूजा का महत्व है। इस समय को खास बनाते हुए, आप निम्नलिखित कार्यों को कर सकते हैं:
स्नान और ‘नित नेम
सबसे पहले, गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर दिन की शुरुआत सुबह स्नान करके करें और फिर ‘नित नेम’ करें। नित नेम सिखों के लिए एक धार्मिक दिनचर्या है, जिसमें पांच वाणी का पाठ किया जाता है।
गुरुद्वारा जाएं और मत्था टेकें
इसके बाद, साफ कपड़े पहनकर गुरुद्वारे जाएं। वहां जाकर गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेकें और गुरु की आशीर्वाद प्राप्त करें।
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कीर्तन और गुरुवाणी का श्रवण
रुद्वारे में जाकर संगत के साथ कीर्तन सुनें और गुरुवाणी का पाठ करें। गुरु नानक देव जी के जीवन के बारे में जानें और उनकी शिक्षाओं को समझें।
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अरदास और सेवा
दिल से अरदास करें, यानी भगवान से प्रार्थना करें और अपने जीवन में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपनाने का संकल्प लें। साथ ही, संगत के साथ सेवा करें।
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गुरु के लंगर में सेवा
गुरु नानक देव जी ने हमेशा सेवा और समानता का संदेश दिया। आप गुरु के लंगर में जाकर सेवा करें, जिससे न केवल आपको पुण्य मिलेगा, बल्कि आप अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का भी निर्वहन करेंगे।
दान और धार्मिक कार्यों में सहयोग
गुरु नानक जयंती के दिन अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें, खासकर धार्मिक कार्यों और गरीबों की मदद के लिए। यह भी गुरु नानक देव जी की शिक्षा का पालन करने का एक तरीका है।