Guna Violence: मध्य प्रदेश के गुना शहर में हनुमान जयंती के मौके पर शनिवार शाम एक धार्मिक जुलूस पर हुए पथराव के बाद तनाव का माहौल पैदा हो गया है। जुलूस कर्नलगंज क्षेत्र में मदीना मस्जिद के पास पहुंचने के बाद विवाद शुरू हो गया, जो कुछ ही समय में हिंसा में बदल गया। पथराव के कारण कई लोग घायल हुए, जिनमें बीजेपी पार्षद ओमप्रकाश कुशवाह के 11 वर्षीय बेटे अकुल कुशवाह भी शामिल हैं। इस घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है ताकि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
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दो समुदायों के बीच विवाद
मिली जानकारी के मुताबिक, हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान डीजे पर गाने बजाने और नारेबाजी को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। भीड़ ने अचानक हमला कर दिया और पत्थर बरसाना शुरू कर दिए, जिससे भगदड़ मच गई। इस हमले में कई लोग घायल हो गए। ओमप्रकाश कुशवाह ने घटना को लेकर शिवाजी नगर कोल्हूपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई है, लेकिन शहर में तनाव बना हुआ है।
गुना में पहली बार हुआ ऐसा विवाद
आपको बता दे कि, गुना में यह पहली बार हुआ है जब सांप्रदायिक हिंसा का माहौल बना है। इससे पहले 10 अप्रैल 2022 को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। उस समय मस्जिद के पास विवाद के बाद दंगे हुए थे, जिसमें कई घरों को आग लगा दी गई थी और कई लोगों की जान चली गई थी। जबकि उस समय गुना में शांति थी, अब गुना में भी ऐसा ही विवाद हुआ, जिससे शहर की स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।
पुलिस की मुस्तैदी से स्थिति नियंत्रित
गुना में स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने तुरंत कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया। इसके अलावा, आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए ताकि भीड़ पर नियंत्रण पाया जा सके। पुलिस ने 220 लोगों को हिरासत में लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच जारी है। प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले बढ़े
गुना के साथ-साथ मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़ी घटनाएं सामने आईं, जिससे तनाव बढ़ा। रांझी क्षेत्र में मंदिर की जमीन पर कथित अवैध निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे, वहीं कुछ मामलों में एक समुदाय विशेष के खिलाफ अपशब्दों का भी मामला सामने आया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया और शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए। गुना में अब शांति बहाल रखने के लिए प्रशासन ने सक्रिय रूप से कार्य करना शुरू कर दिया है और आने वाले दिनों में स्थिति की निगरानी बढ़ा दी गई है।