Greater Noida: जल्दी अमीर बनने की चाहत किसको नहीं होती लेकिन इसका कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं होता अमीर बनने के लिए कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपने काम में ईमानदारी की जरुरत होती है लेकिन आज कल सोशल मीडिया के माध्यम से लोग कुछ गलत तरकीबें अपनाकर जल्दी अमीर बनने का रास्ता ढूढ़ लेते हैं और इन रास्तों पर चलकर आगे उन्हें परेशानियों और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।
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फ्लैट के अंदर गांजे की खेती का पर्दाफाश
कुछ ऐसी ही कहानी है ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के राहुल चौधरी की जिसने जल्दी अमीर बनने की चाहत में अपने घर के गमलों में गांजे की खेती करनी शुरु कर दी ग्रेटर नोएडा की एक सोसायटी में 10 मंजिल पर स्थित एक 4 बीएचके फ्लैट के अंदर गांजे की खेती की सूचना पर पुलिस के भी होश उड़ गए पुख्ता जानकारी मिलने पर पुलिस ने जब फ्लैट में छापेमारी की तो फूलों के छोटे-छोटे गमलों में गांजा उगता पाया गया इसके लिए आरोपी ने बकायदा सोशल मीडिया के जरिए गांजा खेती करने की ट्रेनिंग ली थी।
ग्रेटर नोएडा के फ्लैट में गांजे की खेती देखकर पुलिस के उड़े होश
यह पूरा मामला ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के पार्श्वनाथ पैनोरमा सोसाइटी (Parsvnath Panorama Society) का है जहां फ्लैट के अंदर गांजे की खेती चल रही थी मूल रुप से मेरठ का रहने वाला राहुल चौधरी अंग्रेजी में स्नातक है आधुनिक तकनीकों का सहारा लेकर उसने अपने फ्लैट में गांजे की खेती शुरु की थी पुलिस को छापेमारी के दौरान उसके फ्लैट से 60 लाख रुपये कीमत के लगभग 80 गांजे के पौधे मिले।आरोपी के फ्लैट से पुलिस को 2 किग्रा से अधिक अवैध गांजा,163.4 ग्राम ओजी,नीम्टा की 1500 बोतल,कोहिनूर ह्यूमिक एसिड 18 प्रतिशत,फाइटर प्लास्टिक की एक बोतल,किसानों को दिया जाने वाला के ऑर्गेनिक पोटाश,हाइड्रोजन पेरोक्साइड 3 प्रतिशत एक प्लास्टिक की बोतल,नैनो जिंक,नैनो सीएएल की 250 एमएल की एक बोतल बरामद हुई है।
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एक पौधे को बेचकर 60 से 70 हजार की होती थी कमाई
आरोपी राहुल चौधरी (Rahul Chaudhary) ने गांजे की खेती के लिए इन सारे सामानों के अलावा कई अन्य उपकरण सीड्समैन नामक एक ऑनलाइन वेबसाइट से मंगाए थे इसका सारा लेन-देन उसने ऑनलाइन माध्यम से ही किया था इंटरनेश और सोशल मीडिया की मदद से उसने गांजे की खेती करनी सीखी और डार्क वेब की मदद से बेचने के लिए कस्टमर ढूढ़े।
पुलिस ने फ्लैट में की गई छापेमारी के बाद बताया कि,इन पौधों की देखभाल के लिए उसने सभी कमरों में एसी लगा रखी थी क्योंकि वह दरवाजे और खिड़कियां खुली नहीं रख सकता था पौधों पर सूरज की रोशनी के लिए उसने फोटोसिंथेसिस लाइट लगवा रखी थी एक-एक पौधे की देखभाल के लिए वह उस पर 5 से 7 हजार रुपए खर्च करता था तैयार होने के बाद इसी एक पौधे से उसको लागत का 10 गुना मुनाफा होता था पुलिस के अनुसार वह तैयार हुए इन पौधों को ऑनलाइन माध्यम से बेचता था एक पौधे के 60 से 70 हजार रुपये वो कस्टमर से वसूलता था।
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