- कन्या प्राथमिक विद्यालय सिसवा द्वितीय में विभाग के परियोजना के तहत हो रहा निर्माण
- जीओ के विपरीत प्रयोग किया रहा है ईंट व मसाला
महाराजगंज संवाददाता- अभिषेक श्रीवास्तव
यूपी के महराजगंज सिसवा में बेसिक शिक्षा विभाग के परियोजना के तहत 120 मीटर के बाउंड्रीवाल निर्माण में शासनादेश की धज्जियां उड़ाने का बड़ा मामला सामने आया है। मामला कन्या प्राथमिक विद्यालय सिसवा द्वितीय का है। जहां जीओ के विपरीत नियमों को ताक पर रखकर बाउंड्रीवाल निर्माण कराया जा रहा है।
सूत्रों की मुताबिक विभाग के अनुसार इस विद्यालय के चारों तरफ 120 मीटर का बाउंड्रीवाल व गेट निर्माण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा परियोजना के तहत 3437 रुपया प्रति मीटर के दर से 4 लाख 42 हज़ार रुपये अवमुक्त किया गया है। बाउंड्रीवाल के निर्माण में शासनादेश के तहत अव्वल दर्जे के ईंट का प्रयोग किए जाने के साथ ही दीवाल निर्माण में मौरंग बालू व सीमेंट के मिश्रण में 1:3 का अनुपात का रेसियो होना चाहिए।
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पीले ईंट और बालू से हो रहा निर्माण
इसके अलावा दीवाल के सफाई प्लास्टर में भी मौरंग, बालू और सीमेंट के मिश्रण में भी 1:3 का अनुपात होना है, लेकिन गुरूवार को मौके पर जाने पर उसका नज़ारा कुछ और ही दिखा। बाउंड्रीवाल निर्माण का लगभग 70 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया था। दीवाल निर्माण में मौके पर अव्वल दर्जे के ईंट की जगह पीला व दोयम दर्जे के ईँट का प्रयोग किया जा रहा था। इसके अलावा निर्माण हेतु बनाए गए मसाले में 1:5 का मिश्रण मिला। इतना ही बल्कि मसाले में मौरंग, बालू का प्रयोग न कर गुणवत्ताविहीन सफेद बालू का प्रयोग किया जा रहा था। इस पूरे निर्माण कार्य में कहीं भी मौरंग, बालू का प्रयोग नहीं दिखा।
बाउंड्रीवाल का निर्माण कर रहे राजगीर मिस्त्री ने बताया कि 1:5 अनुपात के मसाले से दीवाल की चुनाई की जा रही है, हालांकि मौके पर मौजूद विद्यालय की इंचार्ज पूनम शर्मा ने बताया कि इसके पूर्व मौरंग, बालू का प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन आज बालू समाप्त हो जाने की वजह से सादे बालू का प्रयोग किया जा रहा है। कुल मिलाकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि इस बाउंड्रीवाल के निर्माण में सरकारी धन का जबरदस्त बंदरबांट किया जा रहा है।
ऐसे में अगर विभाग द्वारा पूरे बाउंड्रीवाल के गुणवत्ता की जांच करा दी जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस संदर्भ में पूछे जाने पर खंड शिक्षा अधिकारी विनयशील मिश्र ने बताया कि निर्माण कार्य में अनियमितता संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिलने पर टीम गठित कर निर्माण की जांच कराई जाएगी।