- पाकिस्तान में सिद्ध पीठ तोड़े जाने से उत्तराखंड हरिद्वार के साधु संतों में बेहद आक्रोश
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुनः शक्ति पीठ की स्थापना करन की मांग की है।
Digital- Ankur Sharma
Government of Pakistan: पाकिस्तान में स्थित भारत के 51 शक्तिपीठों में प्रसिद्ध हिंगलाज माता मंदिर और शक्ति पीठ माँ शारदा मंदिर को पाकिस्तान सरकार और वहां के कोर्ट के आदेश के बाद तोड़ दिया गया है। जिसको लेकर भारत में साधु संतों ने इस मंदिर को तोड़ने का विरोध किया है गौरी शंकर गौशाला चंडी घाट मे संतों ने इस घटना कर्म का कड़ा विरोध किया। साथ ही प्रधानमंत्री से मांग कि वह हिंगलाज माता मंदिर और शारदा पीठ मंदिर को पुनः स्थापित करवाएं और इस घटना को विश्व के मंच पर ले जाएं।
महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी का कहना है की पाकिस्तान सरकार ने ऐसा काम किया है जो पूरे विश्व को शर्मसार कर रहा है इन मंदिरों को तोड़कर सनातन धर्म पर हमला किया है। और सनातन धर्म के मानने वालों को चैलेंज किया है। पाकिस्तान सरकार के द्वारा लगातार हिंदू देवी देवताओं के मंदिरों पर प्रहार किया जा रहा है। हिंगलाज माता मंदिर को तोड़ना और मां शारदा पीठ के मंदिर को तोड़ना पाकिस्तान सरकार के लिए घातक साबित होगा इनका कहना है की धरोहर के रूप में विकसित हिंगलाज माता का मंदिर तोड़कर पाकिस्तान में रह रहे सनातन धर्म को मानने वाले लोगों पर भी प्रहार किया।
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करोड़ो सनातनी के आस्था को लगा अघात
महंत ऋषिशवरानंद महाराज का कहना है कि यह एक बहुत दुर्भाग्य की बात है हम अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि जहां एक तरफ आप विश्व शांति की बात करते हैं करोड़ सनातन धर्म के मानने वालों पर कुठाराघात हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने किया है हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि वह हिंगलाज माता मंदिर और शारदा पीठ मंदिर को पुनः स्थापित करवाई इस घटना को विश्व के मंच पर ले जाएं।
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पाकिस्तान में हजारो वर्षो से बना मंदिर
महंत बाबा हठयोगी महाराज का कहना है कि जब पाकिस्तान भी नहीं बना था तब हजारों वर्षों से मां शारदा पीठ और माता हिंगलाज माता का मंदिर वहां पर स्थापित था। सदियों से यह देवी मां के स्थान पाकिस्तान में स्थापित थे 51 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ है ऐसे में पाकिस्तान सरकार के द्वारा इन मंदिरों को ध्वस्त करने का काम किया गया है। जिससे पाकिस्तान का विनाश निश्चित है इसको कोई रोक नहीं सकता है।