गोण्डा संवाददाताः मुजीब आलम खान
गोण्डाः बरसात का मौसम आ गया है। और बारिश से सड़को और गालियो के रास्तों मे भर जाता है। अधिकांश जगहों के नाले- नाली अधिक जलभराव के चलते चोंक हो जाती है। जिसके चलते सड़को पर पानी भर जाता है, और सड़के धंसने लगती है। जलभराव होने की वजह से लोगो का आवागमन बाधित हो जाती है। कभी कभी अधिक बारिश से किसानों की फसलें भी बरबाद हो जाती है। शहर में जलभराव न हो इसीलिए जिला प्रशासन ने अधिकारियों के साथ जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक कर बाढ़ से निपटने के लिए चर्चा किया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता के साथ अन्य अधिकारीगण मौजूद रहें।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बाढ़ से निपटने के लिए बाढ़ आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक में जिले के मुख्य विकास अधिकारी और अधिशाषी अभियंता बीएन शुक्ला द्वारा बताया कि बंधे पर मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है। और बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई। वहीं मुख्य विकास अधिकारी से सभी सबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये। जिला पंचायत राज अधिकारी ने निर्देश दिया किया बाढ़ से प्रभावित सभी गांवों में नाव खरीद कर उपलब्ध करा दें। जिला आपदा प्रबंधन ने सभी बाढ़ चौकियां चिन्हित कर ली गई है। और वहां पर सबंधित कर्मचारियों की डयूटी लगा दी गई है।
बाढ़ में खाद्य सामग्री उपलब्ध करानाः
बाढ़ से निपटने के जिला प्रशासन की तरफ से खाद्य सामग्री की व्यवस्थ्या कर ली गई है। बारिश के कारण बाढ़ आ जाने पर लोगों के घरों तक पानी भर जाता है। ऐसी स्थिति मे घर के अन्दर रखें खाने की सामग्री पानी मे बहकर नष्ट हो जाता है। ऐसे समय मे भूख से निपटने के लिए इंतजाम किये गये है।
जानवरों के लिए भूसे का किया जा रहा टेंडरः
भारी बारिश के चलते किसानों के जानवरों को खिलाने के लिए भूसा नष्ट हो जाता है जिसके चलते किसान अपने जानवरों को सस्ते दामो पर बेंचने को मजबूर हो जाते है। और कभी कभी ऐसे ही छोड़ने पर जाते है जानवर क्योंकि चारा न होने की वजह से , बाढ़ में नष्ट हो जाता है। बाढ़ की वजह से किसानो के खेतों की फसलें बरबाद हो जाती है। इसी लिए जानवरों का खाने के लिए भूसे की कमी हो जाती है।