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फ्रांस: फ्रांस में पुलिस की गोली से हुई किशोर की मौत से एक ऐसी हिंसा भड़की जिसकी आग बुझनेका नाम नहीं ले रही है. वहीं कई लोग इस आग की आगोश में आ चुके है. बता दे की इस हिंसा में अब तक 900 लोगों की गिरफ्तारीं हो चुकी है. लोकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.फ्रांस की राजधानी पेरिस में 17 साल के किशोर की मौत के बाद उपजे तनाव की इतनी हिंसात्मक प्रतिक्रिया होगी, ये अंदाजा लगाना मुश्किल था.
विकराल रूप लेती फ्रांस की हिंसा
चालीस हजार पुलिसवालों की तैनाती के बावजूद लूटपाट और आगजनी की घटनाएं लगातार जारी हैं. वहीं पेरिस की घटनाओं का असर ब्रसेल्स तक पहुंच रहा हैं जहां कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों यूरोपीय नेताओं की ब्रसेल्स में चल रही बैठक को बीच में छोड़कर स्वेदस लौट रहे हैं ताकि आपातकालीन मीटिंग में हिस्सा ले सकें. नॉन्ते में नहेल एम की मौत के बाद लोग प्रतिरोध में सड़क पर उतरे. और नाहेल पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी पर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है. इस मामले ने गोली चलाने के पुलिस के अधिकार और फ्रांस में नस्लीय भेदभाव की दबी हुई चिंगारी को एक बार फिर से भड़का दिया है.
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कौन था किशोरनाहेल एम
फ्रांसीसी शरणार्थी था नाहेल एम अल्जीरियाई मूल का एक किशोर था.जो टेकअवे डिलीवरी ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था साथ ही बतायागया की वो रग्बी लीग खेलता था. नाहेल के पिता का कोई पता नहीं लग पाया है. नाहेल ने पढ़ाई पूरी नहीं की, और वह इलेक्ट्रीशियन बनने की ट्रेनिंग ले रहा था. इसके लिए घर से कुछ ही दूरी पर सुरेसनेस के एक कॉलेज में उसका दाखिला कराया गया था. कॉलेज मेंनाहेल एम कीउपस्थिति का रिकॉर्ड खराब था. उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था लेकिन पुलिस उसे जानती थी.
फ्रांस में बने इमर्जेंसी जैसे हालात
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कैबिनेट की आपातकालीन बैठक की है. इसमें शामिल होने के बाद फ्रांसीसी प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न ने कहा कि आपातकालीन कैबिनेट बैठक का उद्देश्य व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी विकल्पों की समीक्षा करना था. उन्होंने यह भी बताया कि इसमें फ्रांस में आपातकाल की परिस्थितियों पर चर्चा भी शामिल थी.