Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता दुष्कर्म और हत्या के मामले में नामजद आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने संदीप घोष की सदस्यता निलंबित करने का कठोर निर्णय लिया है। आईएमए की अनुशासनात्मक समिति ने इस मामले में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया, जिसे अब मेडिकल जगत में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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विरोध प्रदर्शन से बढ़ा राजनीतिक तनाव
कोलकाता में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस घटनाक्रम के खिलाफ बंगाल के छात्र और जूनियर डॉक्टर सड़कों पर उतर आए हैं। मंगलवार से शुरू हुए ‘नवान्न मार्च’ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन में छात्रों को डॉक्टरों का समर्थन भी प्राप्त हुआ है, जिसने इस मुद्दे को और भी तूल दे दिया है।
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संदीप घोष पर लगे आरोप
संदीप घोष पर लगे गंभीर आरोपों के बीच, सीबीआई ने उनके खिलाफ जांच तेज कर दी है। घोष ने दुष्कर्म और हत्या के मामले के बाद प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके कार्यकाल के दौरान कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए थे। इन आरोपों के मद्देनजर, सीबीआई ने घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। हाल ही में, सीबीआई ने घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया है और उनके मोबाइल फोन कॉल्स की ट्रैकिंग भी की जा रही है।
सीबीआई की जांच
सीबीआई इस समय दो मुख्य मामलों की जांच कर रही है। पहला, डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या का मामला, और दूसरा, अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं का मामला। जांच अधिकारी अब उन कॉल्स की गहराई से जांच कर रहे हैं जो 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के शव मिलने के तुरंत बाद की गई थीं। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी घोष और उनके सहयोगियों के खिलाफ 2021 से निजी संस्थाओं को दिए गए ठेकों की जांच कर रही है।
ममता बनर्जी पर बढ़ा दबाव
कोलकाता की सड़कों पर हो रहे प्रदर्शनों ने बंगाल सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। छात्रों और डॉक्टरों द्वारा ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच, इस मामले का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस घटनाक्रम ने न केवल मेडिकल समुदाय को हिला दिया है, बल्कि पूरे देश में सुरक्षा और न्याय के मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। संदीप घोष के खिलाफ चल रही जांच और राजनीतिक विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि यह मामला देश के सबसे संवेदनशील मुद्दों में से एक बन चुका है।
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