करीब 11 साल पुराने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को बड़ी राहत मिली है। आज के फैसले पर ही गोपाल कांडा का राजनीतिक भविष्य टिका है। बता दे कि 5 अगस्त 2012 को गीतिका शर्मा ने सुसाइड किया था।
Air Hostess Suicide Case: एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को बरी कर दिया है। कोर्ट ने एमडीएलआर एयरलाइंस में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को भी राहत दे दी है। आपको बता दे कि गीतिका शर्मा पेशे से एयरहोस्टस थी और और गोपाल कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस में कार्यरत थी।
5 अगस्त 2012 को उत्तर पश्चिम दिल्ली में अशोक विहार आवास पर गीतिका मृत पाई गई थीं। केस की सुनवाई के दौरान गीतिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी। वहीं इस फैसले के बाद गीतिका के भाई अंकित ने कहा कि मैं अभी बात करने की स्थिति में नहीं हूं। अभी सोचूंगा कि हमें आगे क्या करना है?
गीतिका ने कब किया सुसाइड…
गोपाल कांडा की एयरलाइंस कंपनी एमडीएलआर में एयर होस्टेस रही गीतिका ने 5 अगस्त, 2012 में यहां अशोक विहार स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए कांडा और उनकी एमडीएलआर कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। गीतिका की मौत के करीब छह महीने बाद फरवरी 2013 में उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
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दोषी हुए तो जाएगी विधायकी…
राउज एवेन्यू कोर्ट आज गीतिका सुसाइड केस में फैसला सुनाएगी अगर कांडा इस मामले में दोषी पाए जाते है तो उनको जेल तो होगी ही, साथ ही उनकी विधायकी भी चली जाएगी। आपको बता दें कि जिस समय से मामला सामने आया है, उस समय कांडा मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्यमंत्री थे।
सुसाइड केस में नाम आने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था और 18 महीने की सजा काटनी पड़ी थी। वहीं बात फिलहाल की करें तो गोपाल कांड बीजेपी-जेजेपी की सरकार को अपना समर्थन दे रहे है। गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा भी बीजेपी में है। उन्होंने ऐलनाबाद सीट से उपचुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उनकी हार हुई थी। वहीं गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा एनडीए में भी शामिल है।
कांडा पर थे ये आरोप…
कांडा को आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक तरीके से धमकी), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) के तहत आरोपित किया गया था। निचली अदालत ने कांडा के खिलाफ रेप (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इन धाराओं को हटा दिया था।
कांडा को इस मामले में 18 महीनों तक जेल में भी रहना पड़ा। उन्हें मार्च 2014 में जमानत मिली थी, जो सहआरोपी अरुणा चड्ढा को हाई कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर दी गई थी।
कांडा को छोड़नी पड़ी थी कुर्सी…
गीतिका सुसाइड केस में आरोपी गोपाल कांडा तब हरियाणा की CM भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। गोपाल कांडा ने निर्दलियों के साथ मिलकर हुड्डा सरकार को समर्थन दिया था। बदले में हुड्डा सरकार में उन्हें गृह राज्यमंत्री का पद मिला। गीतिका सुसाइड केस में नाम आने के बाद कांडा को मंत्री पद छोड़ना पड़ा और उन्हें तिहाड़ जेल में रहना पड़ा।
कोर्ट से मिली राहत…
गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आरोपी हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा को कोर्ट ने बरी कर दिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट इस मामले में फैसला सुनाते हुए अन्य आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया है। गीतिका शर्मा के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी ने गोपाल कांडा के जुल्म के चलते उनकी बेटी ने आत्महत्या की थी।