Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) जिले में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की 35 फुट ऊंची प्रतिमा के गिरने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. यह प्रतिमा, जिसे पिछले साल 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अनावरण किया था, जो कि सोमवार को गिर गई. इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. खासकर तब जब महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेर लिया है, और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की जा रही है.
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आदित्य ठाकरे और नारायण राणे के समर्थकों में झड़प

बताते चले कि आज इस मामले ने और अधिक गंभीर रूप धारण कर लिया जब शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) और भाजपा नेता नारायण राणे के समर्थक सिंधुदुर्ग में उस स्थान पर पहुंचे जहां प्रतिमा गिरी थी. आदित्य ठाकरे ने राजकोट किले का दौरा किया और प्रतिमा के गिरने की स्थिति का जायजा लिया. वहीं, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट के सांसद नारायण राणे और उनके बड़े बेटे नीलेश राणे भी अपने समर्थकों के साथ किले में पहुंच गए. किले के भीतर जाने को लेकर नारायण राणे (Narayan Rane) और नीलेश राणे (Nilesh Rane) की पुलिस से बहस हुई, और इसके बाद दोनों पार्टियों के समर्थक आपस में भिड़ गए. इस टकराव के कारण तनाव का माहौल बन गया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
आदित्य ठाकरे की प्रतिक्रिया

आपकतो बता दे कि समर्थकों के बीच हुई इस झड़प पर आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने दुख व्यक्त करते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि शिवाजी महाराज जैसी महान हस्ती के सम्मानित स्थान पर इस तरह का हंगामा हुआ. आदित्य ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर राजनीति न करें और संयम बरतें.
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उद्धव ठाकरे का सरकार पर तीखा हमला

शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस गंभीर मामले को हल्के में ले रही है और प्रतिमा के हवाओं के कारण गिरने का दावा करना बेतुका और बेशर्मी से भरा हुआ है. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री दीपक केसरकर के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की जिसमें केसरकर ने कहा था कि प्रतिमा के गिरने में शायद कुछ अच्छा ही हो. उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह बयान बेहद असंवेदनशील है और इस घटना से महायुति सरकार की भ्रष्टाचार की चरम सीमा का पता चलता है.
महाविकास अघाड़ी का विरोध मार्च

शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महाविकास अघाड़ी ने इस मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदे का इस्तीफा मांगा है. साथ ही, इस घटना के विरोध में महाविकास अघाड़ी 1 सितंबर को मुंबई में विरोध मार्च निकालने की योजना बना रहा है. यह मार्च सरकार की भ्रष्टाचार और शिवाजी महाराज की प्रतिमा की अनदेखी के खिलाफ होगा.
राजनीतिक माहौल गरमाया

शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना ने महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति को गरमा दिया है. आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बन गया है. राज्य की राजनीति में इस मामले का क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा. विपक्ष ने इसे सरकार की नाकामी के तौर पर प्रस्तुत किया है, और इसे लेकर जनता में भी भारी आक्रोश है. अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर सरकार क्या कदम उठाती है और कैसे इस विवाद को शांत करती है.