Former IPS officer Sanjeev Bhatt: पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को झटका देते हुए गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर की एक अदालत ने बुधवार को उन्हें ड्रग प्लांटिंग मामले में 1996 के अपराधों का दोषी ठहराया है.इस केस में उन्हें आज पालनपुर सेशन कोर्ट में पेश किया गया जहां पालनपुर के द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने पालनपुर के 1996 के एनडीपीएस मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 20 साल के कठोर कारावास और 2 लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है.आपको बता दें कि,संजीव भट्ट के खिलाफ चल रहा ड्रग्स से जुड़ा ये मामला लगभग 28 साल पुराना है.
ये मामला तब सामने आया था,जब राजस्थान के एक वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित को 1996 में पालनपुर के एक होटल में 1.15 किलोग्राम अफीम रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.भट्ट उस समय जिला पुलिस अधीक्षक थे और आईबी व्यास एक निरीक्षक थे.संजीव भट्ट पर आरोप लगे थे कि,उन्होंने इस मामले में राजस्थान के एक वकील को गलत तरीके से फंसाया था।
Read more : मथुरा में दिनदहाड़े युवक को पेट्रोल डालकर जलाया, हुआ मौत
इन धाराओ में दोषी करार हुए भट्ट
पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की धारा 21(सी), 27ए (अवैध तस्करी के वित्तपोषण और अपराधियों को शरण देने के लिए सजा), 29(एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपराध करने के लिए उकसाना और आपराधिक साजिश),58(1) और( 2)(कष्टप्रद प्रवेश, तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी),उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 465(जालसाजी), 471(जाली दस्तावेज का उपयोग करना), 167 (चोट पहुंचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा गलत दस्तावेज तैयार करना), 204(किसी दस्तावेज को छिपाना या नष्ट करना), 343(गलत तरीके से दस्तावेज़ बनाना)के तहत भी दोषी ठहराया गया है।
Read more : Period के दर्द से परेशान होकर लड़की ने की आत्महत्या,जानें क्या है पूरा मामला?
गुजरात दंगों में पीएम मोदी पर लगाए थे आरोप
पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट इन दिनों जेल में बंद हैं.उन पर कई अन्य गंभीर आरोप भी हैं.अप्रैल 2011 में उस वक्त चर्चा में आए, जब उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने का आरोप लगाया था.इसे लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दायर किया था।
Read more : एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए गोविंदा,लोकसभा चुनाव में ठोकेंगे ताल!
2015 में सेवा से बर्खास्त किए गए
संजीव भट्ट को 2015 में भारतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.उस समय वे बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे.जिला पुलिस ने राजस्थान के वकील सुमेरसिंह राजपुरोहित को 1996 में स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ(एनडीपीएस)अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
Read more : अमरोहा पहुंचे आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी, बोले…”देश में एक नारा है अबकी बार 400 पार..
मादक पदार्थ मामले में हुई थी गिरफ्तारी
पूर्व पुलिस निरीक्षक आई बी व्यास ने मामले की गहन जांच का अनुरोध करते हुए 1999 में गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था.संजीव भट्ट को राज्य के अपराध जांच विभाग(सीआईडी) ने सितंबर 2018 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार किया था और तब से वो पालनपुर उप-जेल में हैं।
Read more : राउज एवेन्यू कोर्ट से नहीं मिली केजरीवाल को राहत,बोले-‘ये षड्यंत्र है,जनता इसका जवाब देगी’
सुप्रीम कोर्ट मे भी दायर की थी याचिका
पिछले साल,पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने 28 साल पुराने मादक पदार्थ मामले में पक्षपात का आरोप लगाते हुए मुकदमे को किसी अन्य सत्र अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.उन्होंने निचली अदालत की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग के लिए निर्देश भी मांगे थे,हालांकि,सुप्रीम कोर्ट ने भट्ट की इस याचिका को खारिज कर दी थी।