बहराइच संवाददाता- रफीक उल्ला खान…
बहराइच कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पर एकत्रित हुए सैकड़ो जन स्वास्थ्य रक्षक योजना के पूर्व कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति का संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर को सौंपा। उनका कहना है कि 1977 से लेकर 2002 तक उन्होंने बिना मानदेय के कार्य किया। और 2002 में बिना कारण बताएं उन्हें निकाल दिया गया जिसको लेकर उनके द्वारा शासन से लेकर अधिकारियों के दर चक्कर काटे गए हैं बावजूद उनका 21 सालों से उनका बकाया मानदेय नहीं दिया गया। उनका कहना है तकरीबन 21 सालों से वह अपना बकाया मानदेय के लिए भटक रहे है बावजूद अबतक उन्हे उनका बकाया मानदेय नहीं मिला।
2002 में सेवा से निष्कासित कर दिया गया…
उन्होंने अपने मांग पत्र में लिखा है कि जन स्वास्थ्य रक्षक योजना के तहत 1977 से बगैर वेतन कार्य कर रहे थे लेकिन बिना किसी कारण व सूचना के उन्हें 2002 में सेवा से निष्कासित कर दिया गया। जब उनके द्वारा इसकी जानकारी मांगी गई तो पता चला योजना बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि तब से हम अपनी रोजी-रोटी के लिए दर-दर भटक रहे हैं और शासन प्रशासन और न्यायालय के शरण में हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया जबकि जन स्वास्थ्य रक्षों द्वारा पल्स पोलियो टीकाकरण जैसे कर में निपुण हैं।
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उच्च न्यायालय द्वारा शासन…
लेकिन अब वह अपनी आयु अधिकतर पूर्ण हो जाने के कारण उपरोक्त सेवा के पात्र नहीं है। फिर भी जन स्वास्थ्य रक्षों के बकाया मानदेव सेवानिवृत्ति किए जाने के बाद मिलने वाले समस्त लाभ प्राप्त करने का विधिक अधिकार है। उन्होंने लिखा है कि इस संबंध में मंडे उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा शासन को निर्देश भी जारी किया गया है।