- पूर्व मंत्री को 3 साल की जेल
UP News : उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को आज एमपीएमएलए की विशेष कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है.इसके साथ ही पूर्व मंत्री के ऊपर कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाने का आदेश दिया है.प्रयागराज की एमपीएमएलए कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री के खिलाफ 108 पन्नों में अपना फैसला सुनाया जिसको सुनकर राकेशधर त्रिपाठी भावुक हो गए।
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3 साल की सजा का ऐलान
एमपीएमएलए की विशेष न्यायालय के न्यायधीश डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल ने पूर्व मंत्री को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने का फैसला दिया है.न्यायधीश ने कोर्ट में बताया कि,अगर जुर्माना राशि नहीं भरी गई तो पूर्व मंत्री को 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।
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आय से अधिक संपत्ति का मामला
आपको बता दें कि,कोर्ट के इस फैसले के बाद राकेश धर त्रिपाठी की ओर से कोर्ट में जमानत की अर्जी भी दाखिल की गई जिस पर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है.कोर्ट ने पूर्व मंत्री की 40 दिनों के लिए अंतरिम जमानत मंजूर की है अंतरिम जमानत मिलने से उन्हें अब जेल नहीं जाना पड़ेगा इसके अलावा सजा के खिलाफ भी पूर्व मंत्री इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन दाखिल कर सकेंगे।पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय किया गया था.विजिलेंस के इंस्पेक्टर रामसुख राम ने राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ प्रयागराज के मुठ्ठीगंज थाने में 23 नवंबर 2012 को आय से अधिक संपत्ति मामले में केस दर्ज कराया था.राकेश धर त्रिपाठी भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह की सरकार में यूपी में उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर थे।
राकेश धर त्रिपाठी 1 मई 207 से 31 दिसंबर 2011 के बीच यूपी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर रहे थे.इस दौरान उन्होंने आय के तमाम वैध स्त्रोतों से 49 लाख 49 हजार 928 रुपये की कमाई की लेकिन इस दौरान उन्होंने भरण पोषण और संपत्ति अर्जन पर 2 करोड़ 67 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किया.उनकी संपत्ति आय की तुलना में 2 करोड़ 17 लाख अधिक पाई गई इसको लेकर राकेश धर त्रिपाठी से स्पष्टीकरण भी मांग गया था लेकिन इसका वो कोई संतोषजनक जवाब कोर्ट में नहीं दे सके थे।