Omar Abdullah defeated 2024: लोकसभा चुनाव-2024 के डाले गए वोटों की आज गिनती हो रही है। 8 बजे से ये प्रक्रिया शुरू हुई। 19 अप्रैल को वोटिंग की शुरुआत हुई थी, जो 1 जून को पूरी हुई। सात चरणों में मतदान हुआ। बीजेपी जहां 400 पार के नारे के साथ इस बार के चुनाव में उतरी तो वहीं नरेंद्र मोदी को सत्ता से दूर करने के लिए 25 से ज्यादा विपक्षी दल एक मंच पर आए।तमाम दावों और वादों के बाद अब नतीजे आ रहे हैं।
हालांकि, चुनाव के रुझान या मतगणना के आंकड़े भाजपा को चौंका रहे हैं।इस बीच उत्तर प्रदेश, बंगाल समेत कई ऐसे राज्य हैं जहां भाजपा को अनुमान से काफी कम सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं और विपक्ष उन्हें कड़ी टक्कर दे रहा है। जम्मू कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती अपनी सीट पर चुनाव हार गए हैं। उमर को बारामूला में हार मिली है तो मुफ्ती को अनंतनाग में हार मिली। उमर अब्दुल्ला को पटखनी देने वाला इंजीनियर राशिद शेख है। शेख ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और फिलहाल टेरर फंडिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद है।
उमर अब्दुल्ला का करारी हार
बताते चले कि चुनाव आयोग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की अपनी-अपनी लोकसभा सीटों पर करारी हार तय है। खबर लिखे जाने तक बारामूला में अब्दुल्ला दो लाख वोटों से पीछे हैं तो महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी सीट से साढ़े चार लाख वोटों से पीछे हैं।
बारामूला लोकसभा सीट पर तीसरे नंबर पर हाई प्रोफाइल नेता साजिद लोन हैं, वो जम्मू कश्मीर पीपल कॉन्फ्रेंस पार्टी से उम्मीदवार हैं। उमर ने मीडिया चैनलों से बातचीत में अपनी हार स्वीकार कर ली है।महबूबा मुफ्ती को चुनाव में हराने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मियां अल्ताफ अहमद हैं। अहमद और मुफ्ती के बीच नोटों का अंतर करीब 5 लाख था।
कौन है अब्दुल रशीद शेख?
अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद फिलहाल टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद है। दो बार के विधायक और अवाभी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख राशिद बारामूला से मैदान में उतरने वाले 22 उम्मीदवारों में से एक हैं। राशिद को एनआईए ने 2019 में टेरर फंडिंग केस में गिरफ्तार किया था। उनके दो बेटे अबरार रशीद और असरार रशीद ने उनकी तरफ से चुनाव प्रचार किया था। राशिद ने 2008 और 2014 में लंगेट विधानसभा चुनाव से जीत हासिल की थी। हालांकि 2019 के संसदीय चुनाव में हार का सामना किया था।